छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के विकास के लिए मोदी सरकार इस साल के अंत तक नई नीति की घोषणा करेगी। इस सिलसिले में एमएसएमई मंत्रालय की ओर से गठित एक सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट अक्टूबर तक मिलने की संभावना है। इसके बाद सरकार नई नीति की घोषणा करेगी। एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने बताया कि नई एमएसएमई नीति का मसौदा तैयार करने के लिए कुछ समय पहले पूर्व मंत्रिमंडलीय सचिव प्रभात कुमार के नेतृत्व में एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।
कमेटी की ओर से सभी पक्षों से बातचीत कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। साथ ही विभिन्न देशों की एमएसएमई नीति का अध्ययन भी किया जा रहा है, क्योंरकि सरकार चाहती है कि विस्तृत नीति तैयार की जाए। उम्मीद है कि इस बार एमएसएमई पॉलिसी दूसरे कई देशों के मुकाबले अच्छी होगी। मिश्र ने कहा कि सरकार बीमार एमएसएमई इकाइयों के पुनर्गठन पर भी काम कर रही है। इस माह के अंत तक बीमार एमएसएमई इकाइयों के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले दो साल के दौरान देश में खादी और ग्रामीण उद्योग के उत्पादन की बिक्री बढ़ी है। वर्ष 2014-15 में इनकी बिक्री 33,136 करोड़ रुपए थी, जो साल 2015-16 में बढ़कर 37, 935 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
कमेटी की ओर से सभी पक्षों से बातचीत कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। साथ ही विभिन्न देशों की एमएसएमई नीति का अध्ययन भी किया जा रहा है, क्योंरकि सरकार चाहती है कि विस्तृत नीति तैयार की जाए। उम्मीद है कि इस बार एमएसएमई पॉलिसी दूसरे कई देशों के मुकाबले अच्छी होगी। मिश्र ने कहा कि सरकार बीमार एमएसएमई इकाइयों के पुनर्गठन पर भी काम कर रही है। इस माह के अंत तक बीमार एमएसएमई इकाइयों के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले दो साल के दौरान देश में खादी और ग्रामीण उद्योग के उत्पादन की बिक्री बढ़ी है। वर्ष 2014-15 में इनकी बिक्री 33,136 करोड़ रुपए थी, जो साल 2015-16 में बढ़कर 37, 935 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
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