नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर एक चट्टान के नमूने में अप्रत्याशित खनिज की खोज की है। खनिज मिलने से इस बात का पता चलता है कि आरंभिक दिनों में लाल ग्रह पर विस्फोटक ज्वालामुखी थे। मंगल विज्ञान प्रयोगशाला रोवर क्यूरियोसिटी अगस्त 2012 में उतरने के बाद से गाले क्रेटर के भीतर अवसादी चट्टानों की खोज में जुटा है। पिछले वर्ष जुलाई में सोल 1060 (उतरने के बाद से मंगल दिनों की संख्या) पर रोवर ने ‘बकस्किन’ नाम के स्थान पर चट्टान से पाउडर एकत्र किया। रोवर पर एक एक्स-रे विवर्तन उपकरण के विश्लेषण आंकड़े से खनिज की पहचान की गई। वैज्ञानिकों ने उपयुक्त मात्र में सिलिका खनिज का पता लगाया। सिलिका को टिडामाइट कहा जाता है। टिडामाइट आम तौर पर सिलिसिक ज्वालामुखी घटना से जुड़ा है। यह धरती पर भी ज्ञात है, लेकिन इसे महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है। मंगल पर इसके मौजूद होने की जानकारी भी नहीं है। टिडामाइट संभवत: वैज्ञानिकों को मंगल पर ज्वालामुखी के इतिहास पर फिर से विचार करने पर मजबूर कर सकता है। इससे यह अनुमान सामने आता है कि इस ग्रह पर किसी समय विस्फोटक ज्वालामुखी थे। जान्सन में नासा के ग्रह वैज्ञानिक रिचर्ड मोरिस ने कहा, ‘धरती पर टिडामाइड एक विस्फोटक प्रक्रिया में उच तापमान पर तैयार होता है। विस्फोटक प्रक्रिया को सिलिसिक वालामुखीय घटना कहा जाता है। वाशिंगटन स्टेट में माउंट सेंट लेलेन्स सक्रिय वालामुखी और जापान में सत्सुमा-इवोजिमा वालामुखी इस तरह के ज्वालामुखियों के उदाहरण हैं।
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