अमेरिका ने भारत से मजबूत संबंध बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। एक शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर ने राष्ट्रपति से भारत को वैश्विक रणनीतिक एवं रक्षा भागीदार के तौर पर मान्यता देने को कहा है। इस संबंध में एक संशोधन विधेयक पेश किया। सीनेटर ने कहा, भारत और अमेरिका के सामने मौजूद सुरक्षा संबंधी साझा खतरे और रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाना दोनों देशों के हित में है।यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है। मोदी ने संबोधन में दोनों देशों के बीच व्यापक रक्षा सहयोग का आह्वान किया था। विधेयक में क्या: रक्षा निर्यात नियंत्रण नियमनों में बदलाव की मांग करते हुए सीनेट की शस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष जॉन मक्केन ने नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट 2017 में विधायी संशोधन के लिए विधेयक पेश किया। इसमें कहा गया है कि दोनों देशों के बीच संबंध बीते दो दशकों में विकसित होकर बहुपक्षीय, वैश्विक रणनीतिक और रक्षा भागीदारी वाले बन गए हैं। इनकी जड़ें साझा लोकतांत्रिक मूल्यों में, परस्पर समृद्धि, सुरक्षा एवं स्थिरता को बढ़ाने में हैं।
संशोधन में राष्ट्रपति से अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल के प्रभाव को तथा रक्षा विभाग के इंडिया रैपिड रिएक्शन सेल के टिकाउपन के प्रभाव को मजबूत करने का आग्रह किया गया है। इसमे अमेरिकी राष्ट्रपति से मानवीय सहायता, आपदा राहत, दस्यु समस्या से निपटने और नौवहन डोमेन जागरूकता बढाने लिए भी कहा गया है।
विधेयक के मुताबिक, भारत से रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता को दक्षिण एशिया में और हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्राथमिकता के तौर पर समझा जाना चाहिए। बता दें कि एनडीएए को सीनेट में मतदान के लिए अगले सप्ताह पेश किया जाना है। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व है।
पार्टी लाइन से इतर हटकर अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने और इसे नए स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया है। उनका मानना है कि परस्पर गलतफहमियों ने आर्थिक एवं सुरक्षा क्षेत्रों में फायदों पर असर डाला है। सीनेट में बहुमत पक्ष के नेता मिच मैक्कोनेल ने कहा, हम व्यापारिक साङोदार हैं।
संशोधन में राष्ट्रपति से अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल के प्रभाव को तथा रक्षा विभाग के इंडिया रैपिड रिएक्शन सेल के टिकाउपन के प्रभाव को मजबूत करने का आग्रह किया गया है। इसमे अमेरिकी राष्ट्रपति से मानवीय सहायता, आपदा राहत, दस्यु समस्या से निपटने और नौवहन डोमेन जागरूकता बढाने लिए भी कहा गया है।
विधेयक के मुताबिक, भारत से रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता को दक्षिण एशिया में और हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्राथमिकता के तौर पर समझा जाना चाहिए। बता दें कि एनडीएए को सीनेट में मतदान के लिए अगले सप्ताह पेश किया जाना है। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व है।
पार्टी लाइन से इतर हटकर अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने और इसे नए स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया है। उनका मानना है कि परस्पर गलतफहमियों ने आर्थिक एवं सुरक्षा क्षेत्रों में फायदों पर असर डाला है। सीनेट में बहुमत पक्ष के नेता मिच मैक्कोनेल ने कहा, हम व्यापारिक साङोदार हैं।
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