अमेरिका यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को शह देने के लिए इशारों-इशारों में पाकिस्तान पर हमला किया। बुधवार को अमेरिका यात्रा के आखिरी दिन अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोस में अब भी आतंकवाद पल रहा है। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि आतंकवाद का खतरा अब भी सबसे बड़ा है। भारत की पश्चिमी सीमा से लेकर अफ्रीका तक अलग-अलग नामों से आतंकवाद मौजूद है। कहीं वह लश्कर-ए-तैयबा है, तो कहीं तालिबान और कहीं आइएस। उनकी सोच हत्या और हिंसा की है। ये ताकतें अपने राजनीतिक फायदों के लिए तो आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं और दूसरी तरफ इसके खिलाफ दुनिया को उपदेश देती हैं। मोदी ने कहा कि अच्छा और बुरा आतंकवाद जैसा कुछ नहीं होता। जो हिंसा को मजहब से जोड़े, वह आतंकवाद है। हमें एकजुट होकर इसके खिलाफ खड़े होना है। उन्होंने कहा कि जब 2008 में सरहद पार से आए आतंकवादियों ने मुंबई में हमला किया, तो अमेरिकी संसद ने जो एकजुटता दिखाई, भारत उसे कभी नहीं भूलेगा। मोदी ने एफ-16 लड़ाकू विमान सौदे में सब्सिडी नहीं देने के ओबामा प्रशासन के फैसले को भी सराहा। पाकिस्तान अमेरिका से यह विमान खरीदना चाहता था। मोदी ने भारत और अमेरिका को करीब लाने के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा की भी सराहना की। मोदी ने चीन को भी संदेश देते हुए कहा कि भारत-अमेरिका की मजबूत साझेदारी से समुद्र तटों की सुरक्षा और नौपरिवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले मोदी छठे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने भाषण की शुरुआत करते हुए अमेरिकी संसद के बारे में कहा कि लोकतंत्र के इस मंच ने दुनियाभर के अन्य लोकतंत्रों को साहस और ताकत दी है। जब मोदी ने कहा कि गांधी की अहिंसा ने मार्टिन लूथर किंग को प्रेरणा दी, तब संसद सदस्यों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया। मोदी ने कहा कि वह भारत और अमेरिका को प्राकृतिक सहयोगी मानते थे।
Thursday 9 June 2016
9 June 2016...1.पाकिस्तान पर मोदी का अमेरिका से प्रहार:-
अमेरिका यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को शह देने के लिए इशारों-इशारों में पाकिस्तान पर हमला किया। बुधवार को अमेरिका यात्रा के आखिरी दिन अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोस में अब भी आतंकवाद पल रहा है। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि आतंकवाद का खतरा अब भी सबसे बड़ा है। भारत की पश्चिमी सीमा से लेकर अफ्रीका तक अलग-अलग नामों से आतंकवाद मौजूद है। कहीं वह लश्कर-ए-तैयबा है, तो कहीं तालिबान और कहीं आइएस। उनकी सोच हत्या और हिंसा की है। ये ताकतें अपने राजनीतिक फायदों के लिए तो आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं और दूसरी तरफ इसके खिलाफ दुनिया को उपदेश देती हैं। मोदी ने कहा कि अच्छा और बुरा आतंकवाद जैसा कुछ नहीं होता। जो हिंसा को मजहब से जोड़े, वह आतंकवाद है। हमें एकजुट होकर इसके खिलाफ खड़े होना है। उन्होंने कहा कि जब 2008 में सरहद पार से आए आतंकवादियों ने मुंबई में हमला किया, तो अमेरिकी संसद ने जो एकजुटता दिखाई, भारत उसे कभी नहीं भूलेगा। मोदी ने एफ-16 लड़ाकू विमान सौदे में सब्सिडी नहीं देने के ओबामा प्रशासन के फैसले को भी सराहा। पाकिस्तान अमेरिका से यह विमान खरीदना चाहता था। मोदी ने भारत और अमेरिका को करीब लाने के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा की भी सराहना की। मोदी ने चीन को भी संदेश देते हुए कहा कि भारत-अमेरिका की मजबूत साझेदारी से समुद्र तटों की सुरक्षा और नौपरिवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले मोदी छठे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने भाषण की शुरुआत करते हुए अमेरिकी संसद के बारे में कहा कि लोकतंत्र के इस मंच ने दुनियाभर के अन्य लोकतंत्रों को साहस और ताकत दी है। जब मोदी ने कहा कि गांधी की अहिंसा ने मार्टिन लूथर किंग को प्रेरणा दी, तब संसद सदस्यों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया। मोदी ने कहा कि वह भारत और अमेरिका को प्राकृतिक सहयोगी मानते थे।
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