न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में शामिल होने में अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का समर्थन जुटाने निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों को एक और सफलता मिली है। इस प्रतिष्ठित समूह में शामिल होने की भारत की कोशिशों का अब तक कड़ा विरोध करने वाले मैक्सिको ने समर्थन करने का वादा किया है। लेकिन एनएसजी की सदस्यता के भारतीय दावे पर वियना में चल रही बैठक में चीन ने विरोधी रुख और कड़ा कर लिया है। उसने पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत न करने को मुद्दा बनाकर भारतीय कोशिश का विरोध किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ उसे भी एनएसजी का सदस्य बनाने की मांग की है। इससे पहले मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो और पीएम मोदी के बीच मैक्सिको सिटी में हुई बातचीत में एनएसजी की सदस्यता को लेकर सहमति बनी। स्विट्जरलैंड के बाद मैक्सिको का समर्थन हासिल करना मोदी की बड़ी कूटनीतिक सफलता है। लेकिन प्रेट्र के अनुसार, गुरुवार को ही विएना में भारत के दावे को लेकर हो रही 48 देशों की दो दिवसीय बैठक में चीन विरोधी गुट का नेतृत्व कर रहा है। एक राजनयिक ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि भारत के विरोध में चीन अपने पक्ष को और मजबूत कर रहा है। दरअसल, तुर्की, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और आस्टिया की ओर से भी अभी समर्थन की बात नहीं कही गई है। माना जाता है कि ये भी चीन की मदद कर रहे हैं। ये सभी देश पहले भी भारत के एनएसजी में प्रवेश का विरोध करते रहे हैं। किसी भी एनएसजी सदस्य देश के विरोध से नए दावेदार की लक्ष्य प्राप्ति में अड़ंगा लग सकता है।
No comments:
Post a Comment