प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को देश की पहली राष्ट्रीय आपदा प्रंधन योजना जारी की जिसमें विभिन्न आपदाओं के कारण जान-माल के नुकसान को कम से कम करने का खाका तैयार किया गया है। मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू की मौजूदगी में यह योजना जारी की। इस मौके पर प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। देश में अभी तक कोई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना नहीं थी। इस योजना का उद्देश्य देश को आपदाओं से निपटने, उन्हें सहने तथा जोखिमों को कम करने में सक्षम बनाना है। इसका मकसद सरकार के साथ -साथ सामुदायिक स्तर पर आपदाओं से जान-माल के नुकसान को कम से कम करना, आजीविकाओं को प्रभावित होने से बचाना है। इस योजना के प्रावधान आपदाओं से होने वाले नुकसान में कमी लाने से संबंधित सेन्डेई फ्रेमवर्क के अनुरूप बनाये गए हैं। इन आपदाओं से निपटने के उपायों को मुख्य रूप से 18 श्रेणियों में रखा गया है। इनमें पूर्व चेतावनी, उपग्रह से मिले आंकड़ों का अध्ययन, जानकारी का प्रचार, लोगों और पशुधन को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना, चिकित्सा देखभाल, आपदा के बाद पेयजल और स्वच्छ सुविधा उपलब्ध कराना, खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की आपूत्तर्ि, संचार व्यवस्था की बहाली, प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी आवास, बिजली आपूत्तर्ि सुनिश्चित करना, परिवहन के साधन उपलब्ध कराना, राहत और आपूत्तर्ि प्रबंधन, मृत पशुओं के अवशेषों का निपटान, प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन के लिए चारे की सुविधा, प्रभावित लोगों का पुनर्वास, राहत के तहत रोजगार, संबंधित आंकड़े जुटाना और मीडिया के माध्यम से जरूरी जानकारी का प्रचार प्रसार करना। इसके साथ -साथ विभिन्न सरकारी एजेन्सियों और गैर सरकारी संगठनों के बीच तालमेल पर भी जोर दिया गया है।
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