भारत को नाटो गठबंधन के देशों जैसे रक्षा सहयोगी का दर्जा देने वाला विधेयक अमेरिकी संसद में पारित नहीं हो सका है। ऐसा निर्यात नियंत्रण से संबंधित एक प्रमुख संशोधन प्रस्ताव गिर जाने की वजह से हुआ। यह संशोधन प्रस्ताव वरिष्ठ रिप}िलकन सांसद जॉन मैक्केन ने पेश किया था। इस पर मैक्केन ने संसद में नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, यह खेदजनक है कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर संसद में बहस और मतदान नहीं करते। जबकि इस तरह के मामलों को हमें यादा समर्थन के साथ पारित कराना चाहिए। इस सिलसिले में उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों के लिए जारी होने वाली वीजा अनुमति का भी उदाहरण दिया। यह वाकया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी संसद को संबोधित करने के बाद का है। पेश संशोधन प्रस्ताव मतदान के बाद हाल ही में गिरा है। मैक्केन का मूल प्रस्ताव तो सीनेट ने भारी बहुमत से पारित कर दिया था लेकिन उसमें संशोधन के अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित नहीं हो सके। इसके चलते भारत को खास दर्जा देने की मुहिम फिलहाल टल गई है। भारत को संवेदनशील रक्षा तकनीकी भी देना अमेरिका के लिए मुश्किल हो गया है। वैसे अमेरिका ने भारत को अपना बड़ा रक्षा सहयोगी बताया है। यह बात राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बीती सात जून को जारी संयुक्त बयान में कही है।
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