रेपो दरों में कटौती नहीं, बताया- महंगाई बढ़ने का खतरा:- आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन की छवि कम से कम ब्याज दरों के मामले में ज्यादा चौंकाने वाली नहीं रही है। मंगलवार को भी वार्षिक मौद्रिक नीति की पहली दोमाही समीक्षा करते हुए राजन ने अपनी स्क्रिप्ट के मुताबिक ही काम किया। बैंकों की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6.5 फीसद और बैंक दर को चार फीसद के स्तर पर बनाए रखा गया है। यानी आपके लोन की एमएमआइ (मासिक किस्त) में कोई कमी नहीं आएगी। सरकार और उद्योग जगत भले ही रेपो रेट में कटौती की आस लगाए हो, लेकिन अब उनका कहना है कि आरबीआइ ने उम्मीद के मुताबिक ही फैसला किया है। रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंक आरबीआइ से कम अवधि के कर्ज लेते हैं। बहरहाल, राजन ने मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए महंगाई को लेकर गंभीर चिंता जताई है। खास तौर पर खाद्य उत्पादों में हाल के दिनों में कीमतों में उछाल को उम्मीद से ज्यादा बताया। यह अनिश्चित भविष्य की तरफ इशारा करता है। लेकिन बेहतर मानसून व सरकार की तरफ से खाद्य प्रबंधन में सुधार से ब्याज दरों में कमी की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके संकेत आरबीआइ गवर्नर ने दिए भी हैं कि पूरे देश में मानसूनी बारिश अच्छी रही तो ब्याज दरों में कटौती की सूरत अगस्त के आसपास बन सकती है। वैसे, राजन ने कच्चे तेल की कीमतों में हाल के दिनों में आई तेजी को खास तवज्जो नहीं दी है। यह अपने आप में एक शुभ संकेत है।
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