Wednesday 8 June 2016

7 June 2016....7. कारोबार सुगमता में भारत की छलांग:-

भारत में कारोबार करने के माहौल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। देशी-विदेशी सर्वे इसकी पुष्टि करने लगे हैं। इस साल ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में भारत शीर्ष 30 विकासशील देशों की सूची में दूसरे पायदान पर काबिज हो गया है। यह उपलब्धि उसने 13 पायदान की छलांग लगाकर हासिल की है। चीन इस मामले में सबसे ऊपर है। 2016 ग्लोबल रिटेल डेवलपमेंट इंडेक्स (जीआरडीआइ) ने दुनियाभर में खुदरा निवेश के लिए शीर्ष 30 विकासशील देशों को रैंकिंग दी है। इसके अनुसार, आर्थिक विकास दर के रफ्तार पकड़ने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) संबंधी नियमों के मामले में अधिक स्पष्टता ने भारत को दूसरा स्थान हासिल करने में मदद की। एटी कर्नी के पार्टनर व कंयूमर इंडस्ट्रीज एंड रिटेल प्रोडक्ट्स प्रैक्टिस (भारत व दक्षिणपूर्व एशिया) के सह-प्रमुख देबाशीष मुखर्जी ने कहा कि भारत की मजबूत रैंकिंग से स्पष्ट है कि इसके खुदरा बाजार और इसकी ग्रोथ की संभावनाओं में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। सिंगल ब्रांड रिटेल में भारत ने एफडीआइ नियमों में ढील दी है। इसकी बदौलत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बाजार में प्रवेश का रास्ता साफ हुआ है। लंदन की कंसल्टेंसी कंपनी एटी कर्नी के अनुसार, 2013 और 2015 के बीच भारतीय रिटेल सेक्टर की सालाना वृद्धि दर 8.8 फीसद रही। इस दौरान सालाना बिक्री 1,000 अरब डॉलर से ऊपर निकल गई। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। बड़ी जनसंख्या और सेक्टर में एफडीआइ नियमों की ढील उसे और भी आकर्षक बाजार बना देते हैं। ई-कॉमर्स से भारत की ग्रोथ को और रफ्तार मिलने की उम्मीद है। कुछ चुनौतियां भी हैं। जैसे, राय स्तर पर गतिविधियों को समझना महत्वपूर्ण है।

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