ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) से जुड़ी अनिश्चितता के घटनाक्र म के बीच रिजर्व बैंक ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से निगाह रखे हुए है और नकदी समर्थन समेत हर तरह की पर्याप्त पहल करेगा ताकि बाजारों में सुव्यवस्था बनी रहे।रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘‘ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने से जुड़े जनमत संग्रह (ब्रेक्जिट) की आशंका के बीच भारत समेत नियंतण्र वित्तीय बाजारों में कुछ हद तक उतार-चढ़ाव हुआ है।’ बयान में कहा गया, ‘‘आरबीआई इन घटनाक्र मों में करीब से निगाह रखे हुए है और नकदी समर्थन प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि वित्तीय बाजार की स्थितियां सुव्यवस्थित रहें।’ब्रिटेन में 23 जून को 28 देशों के संगठन यूरोपीय संघ में बने रहने या इससे बाहर निकलने के बारे में जनमत संग्रह है। विश्व भर में ब्रेक्जिट पर र्चचा हो रही है क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों और विनिमय दर पर असर हो सकता है। भारत का ब्रिटेन और यूरोपीय संघ दोनों के साथ अच्छा-खासा कारोबार है। यूरोप से भारत में भारी-भरकम निवेश होता है। फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन ने कहा कि ब्रेक्जिट का उल्लेखनीय आर्थिक परिणाम हो सकता है।भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड तथा शेयर बाजारों ने भी ‘‘ब्रेक्जिट’ पर जनमत संग्रह के मद्देनजर अत्यधिक उतार-चढ़ाव की किसी स्थिति से निपटने के लिए अपनी निगरानी पण्राली को मजबूत किया है। निवेशक इस जनमत संग्रह के नतीजों का बेचैनी से इंतजार कर रहे हैं। जनमत संग्रह से पहले दोपहर के कारोबार में शेयरों तथा रपए में भारी गिरावट देखी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घरेलू पूंजी बाजार में मजबूत निगरानी तथा जोखिम प्रबंधन ढांचा है। ब्रेक्जिट जनमत संग्रह से पैदा होने वाली किसी स्थिति से निपटने को इसे और मजबूत किया गया है।पूंजी बाजार को प्रतिकूल स्थिति से बचाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंतण्रमें रखा जा सके।
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