Thursday 9 June 2016

9 June 2016...4. एनआइआइएफ पर सरकार ने बढ़ाया कदम:-

 ढांचागत क्षेत्र में निवेश की किल्लत दूर करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय निवेश और ढांचागत कोष (एनआइआइएफ) को गति देने में जुट गयी है। इसी सिलसिले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एनआइआइएफ की गवर्निग काउंसिल की बैठक कर निवेश के लिए चुनी गयी परियोजनाओं और विदेशी सॉवरिन फंड्स के साथ हुए करार को अमल में लाने के संबंध में विचार विमर्श किया। इस बैठक में एनआइआइएफ के सीईओ का चयन करने के संबंध में भी चर्चा हुई। एनआइआइएफ की गवर्निग काउंसिल की यह दूसरी बैठक थी। वित्त मंत्रलय के अनुसार इस बैठक में विदेशी सॉवरिन फंड जैसे रूस के रूसनानो, आबूधावी के एडीआइए और कतर निवेश प्राधिकरण के साथ हाल के दिनों में हुए करार के बाद आगे की कार्रवाई के संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई। सरकार ने ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के इरादे से 40,000 करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाया है। वित्त मंत्रलय का कहना है कि बैठक में गवर्निग काउंसिल को दुनियाभर के सॉवरिन फंड्स, पेंशन फंड और दीर्घकालिक निवेशकों के साथ हाल के दिनों में हुई चर्चा का ब्यौरा भी दिया। सरकार ने दिसंबर 2015 में एनआइआइएफ बनाया था। इससे ढांचागत क्षेत्र की नयी, पुरानी तथा ठप पड़ी परियोजनाओं के लिए निवेश मुहैया कराया जाएगा। इस फंड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की होगी जबकि शेष हिस्सेदारी निजी निवेशकों की होगी। बैठक में इस फंड के सीईओ के चयन पर भी विचार किया गया। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वित्त मंत्रलय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव शक्तिकांत दास, वित्तीय सेवा विभाग की सचिव अंजुली दुग्गल और इन्फोसिस के निदेशक टीवी मोहनदास पाई भी मौजूद रहे।

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