Wednesday 15 June 2016

15 June 2016.2. एनएसजी पर चीनी साथ के लिए भारत का नया दांव:-

 एनएसजी में चीन यदि भारत का समर्थन करता है, तो बदले में भारत चीनी कंपनियों के लिए अपना बाजार खोल सकता है और उन पर लगे कई तरह के प्रतिबंधों को हटा सकता है। भारत ने इसके संकेत देने भी शुरू कर दिए हैं। इस सिलसिले में भारत चीनी कंपनियों और नागरिकों के सिक्योरिटी क्लीयरेंस में नरमी का संकेत दे रहा है। माना जा रहा है कि मंदी की मार से जूझ रहा चीन बड़े भारतीय बाजार के लिए एनएसजी में अपने रूप में नरमी ला सकता है। भारत वैसे भी पाकिस्तान की तुलना में चीन का बड़ा व्यापारिक साझीदार है। जो सिक्योरिटी क्लीयरेंस में नरमी मिलने के बाद कई गुना बढ़ सकता है। पिछले कुछ महीने में चीन को लेकर भारत सरकार के फैसलों में बदले रवैये को साफ-साफ देखा जा सकता है। चीनी नागरिकों के लिए वीजा नियमों में ढील दी जा चुकी है। चीनी नागरिकों को वीजा के प्रायर रेफरल कैटेगरी से बाहर कर दिया गया है। यानी चीनी नागरिक अब आसानी से भारत आ-जा सकते हैं। रुकावट सिर्फ कामगार वीजा को लेकर बना हुआ है, जिसे जल्द ही दूर किए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही भारत अब 21 चीनी कंपनियों को भारत में काम करने के लिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस दे चुका है। यही नहीं, गुजरात और महाराष्ट्र में दो चीनी इंडस्टियल पार्क को क्लीयरेंस देने का काम भी तेज कर दिया गया है। पिछले दिनों भारत ने अपने बंदरगाहों पर आए चीनी नाविकों को उस शहर में बिना वीजा के घूमने की इजाजत भी दे दी है। गौरतलब है कि अमेरिका, स्विटजरलैंड और मैक्सिको के समर्थन के बाद भारत की एनएसजी सदस्यता में चीन ही सबसे बड़ा अड़ंगा है।

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