भारतऔर अमेरिका ने आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करने के उद्देश्य से एक दूसरे के साथ आतंकवाद संबंधी आंकड़ों और सरकारी खुफिया एजेंसियों की जानकारियों को साझा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके जरिए भारत अमेरिका से बातचीत करेगा। इससे भारत को आतंकियों की रियल टाइम जानकारी मिलती रहेगी। इस समझौते से भारत-अमेरिका के साथ शामिल होकर अब 30 देशों के उस पूल में शामिल हो गया है जो पहले से आतंकियों की गतिविधियों को लेकर रियल टाइम जानकारी शेयर करते हैं। केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि और भारत में अमेरिका के राजदूत रिजर्ड वर्मा ने गुरुवार को मल्टी एजेंसी सेंटर के समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे को घरेलू कानूनों तथा नियमों के अनुरूप उनकी सरकारी एजेंसियों द्वारा आतंकवाद से संबंधित जानकारी और आंकड़ों का आदान-प्रदान करेंगे। इससे कुछ दुर्दांत आतंकवादियों के बारे में भी जानकारी साझा की जा सकेगी। इससे दोनों पक्षों के बीच आतंकवाद के क्षेत्र में सहयोग पहले की तुलना में अधिक मजबूत होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते अमेरिका के लिए रवाना होंगे। इसके अलावा जुलाई के पहले सप्ताह में गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी अमेरिका में जाएंगे, जहां पर रियल टाइम टेररिस्ट स्क्रीनिंग सेंटर के बारे में विस्तृत चर्चा होगी।
ऐसे काम करेगा सेंटर
ऐसे काम करेगा सेंटर
• रियल टाइम आतंकी साजिशों की मिलेगी सूचना। भारत और अमेरिका के बीच मल्टी एजेंसी सेंटर के बीच होगा हॉट लाइन संपर्क। हॉट लाइन के जरिए आतंकियों और उनकी फंडिंग रोकने के लिए तुरंत दी जाएगी जानकारी।
• मोस्टवांटेड आतंकियों की लिस्ट, उनसे संबंधित डॉजियर की पूरी जानकारी भी साझा होगी। आईएसआईएस की गतिविधियों पर भी नजर रखेंगी।
• आर्थिक आतंकवाद पर भी होगी कार्रवाई
• मोस्टवांटेड आतंकियों की लिस्ट, उनसे संबंधित डॉजियर की पूरी जानकारी भी साझा होगी। आईएसआईएस की गतिविधियों पर भी नजर रखेंगी।
• आर्थिक आतंकवाद पर भी होगी कार्रवाई
• गृह मंत्रालय के मुताबिक इस समझौते में उन तमाम चीजों को भी ध्यान में रखा गया है कि अगर भारत के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद फैलाने की कोशिश किसी देश के जरिए होती है और इसमें नकली नोट का एक बहुत बड़ा हिस्सा भारत में आता है, तो क्या कार्रवाई होगी।
• जानकारी के मुताबिक, करीब 400 करोड़ रुपए नकली नोट भारत में इस वक्त मौजूद हैं। भारत उन देशों पर भी कड़ा कदम उठाने के लिए अमेरिका से संपर्क कर रहा है जो देश भारत में नकली नोट सप्लाई करते हैं। उन देशों की स्याही की पहचान होने के बाद उनकी स्याही की सप्लाई बंद की जा सकती है।
• जानकारी के मुताबिक, करीब 400 करोड़ रुपए नकली नोट भारत में इस वक्त मौजूद हैं। भारत उन देशों पर भी कड़ा कदम उठाने के लिए अमेरिका से संपर्क कर रहा है जो देश भारत में नकली नोट सप्लाई करते हैं। उन देशों की स्याही की पहचान होने के बाद उनकी स्याही की सप्लाई बंद की जा सकती है।
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