भारत गुरुवार को बैलिस्टिक मिसाइल अप्रसार व्यवस्था में शामिल हो गया। सरकार ने साफ किया है कि इससे देश की सुरक्षा और मिसाइल कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत ने इस आचार संहिता पर यह कदम परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के आवेदन पर विचार होने से पहले उठाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को बताया, alt147भारत ने वियना में राजनयिक माध्यम से आचार संहिता के मुख्य अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। यह आचार संहिता एक स्वैच्छिक है। इसे मानने के लिए कोई भी देश कानूनन बाध्य नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय विश्वास और पारदर्शिता बढ़ाने वाली व्यवस्था है। इससे व्यापक विनाश के हथियारों को ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रसार को रोका जा सकता है।' उन्होंने कहा, एनएसजी और मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था में भारत की सदस्यता पर भी, इस कदम का सकारात्मक असर होगा।' उनसे पूछा गया कि क्या इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से भारत की अग्नि-5 मिसाइल परियोजना पर रोक लग जाएगी? विकास स्वरूप ने कहा, 'इससे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को कोई आंच नहीं आएगी। अपनी सुरक्षा जरूरतों के लिए देश का मिसाइल विकास कार्यक्रम चलता रहेगा।' एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयासों के बारे में पूछने पर विकास स्वरूप ने बताया कि भारत ने 12 मई को इसके लिए आवेदन किया है। यह विचाराधीन है। उम्मीद है कि अगले माह दक्षिण कोरिया में होने वाली एनएसजी की बैठक में भारत के आवेदन पर फैसला हो जाएगा।
No comments:
Post a Comment