Wednesday, 8 June 2016

2 June 2016..4. भारतीय डाक को पेमेंट बैंक बनाने का रास्ता साफ:-

 भारतीय डाक को एक बैंक में तब्दील करने की सरकार की मंशा पूरी हो गई है। आरबीआइ ने भारतीय डाक को पेमेंट बैंक के तौर पर काम करने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी। अब केंद्र सरकार ने भी इसे हरी झंडी दिखा दी है। अगले साल मार्च में देश भर में भारतीय पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) के नाम से यह काम शुरू कर देगा। कैबिनेट ने फिलहाल पोस्ट बैंक को देश में 650 ब्रांच खोलने की इजाजत दी है। यह सिर्फ शुरुआत है। बैंक पूरी तरह से प्रोफेशनल तरीके से चलाया जाएगा। संचार मंत्रलय इसके लिए एक सीइओ व अन्य प्रोफेशनल्स की नियुक्ति करेगा। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट के इस फैसले को भारतीय डाक व भारतीय बैंकिंग के लिए गेमचेंजर कदम बताया है। पेमेंट बैंक सितंबर 2017 से काम करना शुरू कर देगा। पोस्ट बैंक का पूंजी आधार 800 करोड़ रुपये होगा, जिसमें 400 करोड़ इक्विटी और 400 करोड़ बतौर ग्रांट उपलब्ध कराए जाएंगे। यह सरकार की सौ फीसद हिस्सेदारी वाला उपक्रम होगा। प्रसाद ने कहा, पहले उनके मंत्रलय ने तीन वर्षो में पोस्ट बैंक के पूर्ण विस्तार की योजना बनाई थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम को साल भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है। संचार मंत्रलय ने इस चुनौती को स्वीकार किया है। वैसे तो इसकी अभी 650 शाखाएं होंगी लेकिन भारतीय डाक के डेढ़ लाख डाक घर और इसमें कार्यरत 1.7 लाख डाकिये भी इसकी सेवाओं के प्रसार में अहम भूमिका निभाएंगे। वैसे 650 शाखाओं के लिए 3500 नए कर्मचारियों की भर्ती भी होगी। 5000 नए एटीएम भी खोले जाएंगे। मौजूदा डाक घरों को बैंकिंग सोल्यूशंस तकनीक से पोस्ट बैंक से जोड़ा जाएगा। जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीण भी हर तरह की बैंकिंग सेवा पा सकेंगे। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि डाकिये को पोस्ट बैंक के अनुरूप प्रशिक्षित करने का काम भी शुरू हो रहा है। हर डाकिये को आइ-पैड और बेहतर स्मार्ट फोन देने के सुझाव पर विचार हो रहा है। हर डाकिये को एक छोटी सी हैंड हेल्ड मशीन भी दी जाएगी जिससे वे ग्राहकों को घर पर ही हर तरह की बैंकिंग सेवा दे सकेंगे।

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