वित्त वर्ष 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर को 7.6 फीसद तक ले जाने में सेवा क्षेत्र का बड़ा योगदान रहा है। कृषि और निर्माण क्षेत्र की रफ्तार धीमी रहने की भरपाई करने वाले सेवा क्षेत्र के तीनों अंगों ने बीते वित्त वर्ष दस फीसद या इसके आसपास की वृद्धि दर हासिल की है। वैसे मैन्यूफैक्चरिंग की रफ्तार भी बीते वित्त वर्ष में नौ फीसद से ऊपर रही है। लेकिन अर्थशास्त्री इसे बहुत अधिक महत्वपूर्ण इसलिए नहीं मान रहे हैं क्योंकि साल 2014-15 में मैन्यूफैक्चरिंग की विकास दर बेहद कम साढ़े पांच फीसद रही थी। इतने निचले आधार के बाद 9.3 फीसद की वृद्धि दर को बहुत तेज नहीं माना जा रहा है। वित्त वर्ष 2015-16 में वित्त सेवा क्षेत्र की विकास दर सर्वाधिक दहाई अंकों में रही है। इस क्षेत्र ने 10.3 फीसद की विकास दर हासिल की है। हालांकि वित्त वर्ष 2014-15 में इस क्षेत्र की विकास दर 10.6 फीसद रही थी। जबकि व्यापार, होटल समेत अन्य वाणियिक सेवाओं से संबंधित क्षेत्र की विकास दर बीते वित्त वर्ष में नौ फीसद रहने का अनुमान है। इस क्षेत्र की विकास दर साल 2014-15 में 9.8 फीसद रही थी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भी सेवा क्षेत्र अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा। सरकार मान रही है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर आठ फीसद तक पहुंच सकती है।
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