1.आरबीआइ ने लगाया तीन बड़े बैंकों पर जुर्माना:- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने मानकों का पालन नहीं करने और कई तरह की अनियमितताओं के चलते बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बीते साल ही सरकारी क्षेत्र के बॉब की दिल्ली की अशोक विहार ब्रांच में 6,100 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। यह पेनाल्टी इसी मामले से जुड़ी हुई है। इसी तरह आरबीआइ ने केवाईसी व अन्य मानकों के उल्लंघन की वजह से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर तीन करोड़ और एचडीएफसी बैंक पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। बैंक ऑफ बड़ौदा को अपने आंतरिक ऑडिट के दौरान कुछ अनियमितताएं मिली थीं। बॉब ने इनकी जानकारी अक्टूबर, 2015 में आरबीआइ और जांच एजेंसियों को दी थी। इसके बाद केंद्रीय बैंक ने जांच की। आरबीआइ को जांच में बैंक के आंतरिक नियंत्रण तंत्र में कमजोरी और नाकामी को दिखाने वाली गड़बड़ियां पता चलीं। बॉब में खासतौर पर लेनदेन की निगरानी और वित्तीय खुफिया इकाई को समय पर सूचना देने समेत मनी लांडिंग रोधी कानून के कुछ प्रावधानों की अनदेखी की गई। बैंक ने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) मानकों का उल्लंघन करते हुए कई व्यक्तियों और संस्थाओं के खाते खोले। इसके अलावा बॉब की ओर से संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) फाइल करने में देरी और कुछ मामले में इसे सबमिट ही नहीं करने के मामले भी सामने आए। बॉब की अशोक विहार ब्रांच से नियमों को ताक पर रखकर 6,100 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा आयात बिलों के भुगतान के नाम पर हांगकांग पहुंचा दी गई। सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहे हैं। पीएनबी ने अपने मामले में कहा है कि दोबारा नियमों व मानकों के उल्लंघन जुड़ी गड़बड़ियों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।
2. वेराइजन द्वारा याहू को खरीदने का एलान:- दिग्गज अमेरिकी दूरसंचार कंपनी वेराइजन ने याहू को खरीदने का एलान कर दिया है। यह पूरा सौदा नकदी में होगा। इसके तहत वेराइजन इंटरनेट कंपनी के कोर बिजनेस के लिए 4.83 अरब डॉलर (करीब 32,361 करोड़ रुपये) की राशि अदा करेगी। सौदे के 2017 की पहली तिमाही में पूरे हो जाने की उम्मीद है। यह याहू के शेयरधारकों, नियामकीय और अन्य मंजूरियों के अधीन है। तब तक याहू स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करते हुए उपयोगकर्ता, विज्ञापनदाता, डेवलपर्स और पार्टनर्स को अपने उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करेगी। शुरुआत में दुनिया भर के लोग याहू के प्लेटफॉर्म से ही इंटरनेट की दुनिया में कदम रखते थे। अब वेराइजन याहू का एओएल के साथ विलय करेगी। एओएल को दूरसंचार कंपनी ने पिछले साल ही खरीदा है। जहां तक ताजा सौदे का सवाल है तो इसमें याहू की नकदी शामिल नहीं होगी। यानी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स में उसकी हिस्सेदारी, याहू जापान में उसके शेयर, याहू के कनवर्टिबल नोट, कुछ माइनॉरिटी इंवेस्टमेंट और याहू के नॉन-कोर पेटेंट इस बिक्री का हिस्सा नहीं होंगे। ये संपत्तियां याहू के पास बनी रहेंगी। डील के तहत वेराइजन को याहू की ऑनलाइन प्रॉपर्टी मिलेगी। इसमें सर्च इंजन, ईमेल, इंस्टेंट मैसेज सर्विस, एड टेक्नोलॉजी और कई रियल एस्टेट एसेट शामिल हैं। वेराइजन के चेयरमैन और सीईओ लोवेल मैकएडम ने कहा कि इस अधिग्रहण से टॉप ग्लोबल मोबाइल मीडिया कंपनी अस्तित्व में आएगी। डिजिटल विज्ञापन में आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। याहू की स्थापना प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्रों जेरी यांग और डेविड फिलो ने 1994 में की थी। चार साल पहले याहू की कमान मेरिसा मेयर के हाथों में आई। लेकिन गूगल और फेसबुक जैसी धुर प्रतिद्वंद्वियों के सामने जमीन खोती कंपनी की दुर्गति को वह थाम नहीं पाईं। मेरिसा ने कहा कि याहू ने दुनिया को बदला। अब वह वेराइजन और एओएल के साथ मिलकर बदलाव लाएगी। कर्मचारियों को लिखे ईमेल में मेरिसा ने बताया है कि उनकी कंपनी में बने रहने की योजना है।
3. दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग को घेर नहीं पाया आसियान:- दक्षिण चीन सागर पर चीन को घेरने में 10 दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों का समूह आसियान विफल रहा। अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के बाद लाओस में हुई विदेश मंत्री स्तरीय इस पहली बड़ी क्षेत्रीय वार्ता में कड़े फैसले की उम्मीद थी। लेकिन, आपसी मतभेद के कारण ऐसा नहीं हो पाया। यह चीन के लिए कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। सोमवार को जारी संयुक्त बयान में चीन की गतिविधियों पर चिंता जताते हुए दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र नौवहन की वकालत की गई है। लेकिन, यादातर वही बातें दोहराई गई हैं जो आसियान पहले भी कह चुका है। इसमें अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के उस हालिया फैसले का जिक्र भी नहीं है, जिसमें पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन की दावेदारी को गैर-कानूनी बताया गया था। यह बयान आसियान देशों के विदेश मंत्रियों और उनके चीनी समकक्ष की बैठक के बाद जारी किया गया। इससे पहले वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर को समूह के लिए कठिन परीक्षा की घड़ी बताकर सख्त रवैया दिखाने के संकेत दिए थे। लेकिन, चीन के सहयोगी कंबोडिया और लाओस ने अन्य सदस्यों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ये हैं सदस्य : इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, सिंगापुर, थाइलैंड, वियतनाम, म्यांमार, ब्रूनेई, कंबोडिया और लाओस आसियान के सदस्य हैं। इनमें फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम और ब्रूनेई के साथ चीन का दक्षिण चीन सागर के अलग-अलग हिस्सों को लेकर विवाद चल रहा है। अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण का फैसला भी फिलीपींस की याचिका पर ही आया था।
4. डब्ल्यूटीओ छोड़ सकता है अमेरिका:- अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि वह राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो देश विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकल सकता है।ट्रंप ने ‘‘मीट द प्रेस’ कार्यक्र म में कही। ट्रंप मुक्त व्यापार समझौते पर पुनर्विचार करने की धमकी पहले ही दे चुके हैं और उन्होंने हाल ही में नाटो गठजोड़ के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता पर उठाए गए सावाल को फिर उठाया। उन्होंने नाफ्टा भागीदार मेक्सिको की मिसाल देते हुए कहा कि वह उन कंपनियों पर 30% तक आयात कर लगाएंगे जो अपनी विनिर्माण गतिविधियां विदेश ले जाएंगी।संचालक चक टॉड ने जब कहा कि ऐसी योजनाओं से डब्ल्यूटीओ को चुनौती मिलेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘कोई फर्क नहीं पड़ता हम पुनर्विचार करेंगे या बाहर निकल जाएंगे। ये व्यापार समझौते विनाशकारी है। विश्व व्यापार संगठन विनाशकारी है।’ यह पूछने पर कि क्या वह इस बात से चिंतित हैं कि ऐसी पहलों से नियंतण्र अर्थव्यवस्था लड़खड़ा सकती है, ब्रेक्जिट के फैसले की तरह। ट्रंप ने ऐसी आशंकाओं को खारिज किया।
5. स्टेफी पटेल :- झारखंड के हजारीबाग जिले की बेटी स्टेफी पटेल ने मिस टीन इंटरनेशनल टॉप मॉडल ऑफ द ईयर-2016 का खिताब हासिल कर इतिहास रच दिया है। स्टेफी ने सोमवार को थाइलैंड के चियांगमै में हुई प्रतियोगिता में 52 देशों की सुंदरियों को पीछे छोड़ते हुए यह सम्मान हासिल किया। थाईलैंड में बिग ब्रेक इंटरटेनमेंट के बैनर तले प्रतियोगिता की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी। ञात हो कि स्टेफी 2014 में मिस टीन इंडिया की उप विजेता और फेमिना कैंपस ¨प्रसेस प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी है।
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