- उम्दा सर्जरी एवं मेडिकल क्षेत्र में खोज के मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वैज्ञानिकों का जवाब नहीं। अब एम्स में स्थित डॉ. बीआर अम्बेडकर जैव औषधीय शोध केंद्र एवं राष्ट्रीय मस्तिष्क शोध केंद्र ने संयुक्त रूप से जीका विषाणु द्वारा बच्चे के सिर के विकास को रोकने की विधि का रहस्य खोजा है। इसमें रेटिनोइक अम्ल की भागीदारी की ओर संकेत किया है। जीका विषाणु एक अनेक प्रकार से रोगजनक विषाणु है जो नवजात शिशुओं में कुरूपता और मुंड संकुचन जैसे रोगों को जन्म देता है। यह विषाणु कई मस्तिष्क संबंधी समस्याओं और गंभीर जन्म दोष उत्पन्न करता है। यह गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में चला जाता है तथा यह तीव्र मस्तिष्क विकृतियों और माइक्रोसेफली पैदा कारक है इसलिए विश्व स्वस्य संगठन ने इस महामारी को ‘‘जन स्वास्य आपातकालीन अंतर्राष्ट्रीय चिंता’ घोषित किया है। अध्ययन फ्रंटियर्स इन ह्यूमन न्यूरोसाइंस में प्रकाशित हुआ है। एम्स के डा. आशुतोष, डा. मुनीब की अगुवाई में हुए अध्ययन में कई देशों को यह सलाह दी गई है कि जब तक इस बीमारी के निदान के कारण न ढूंढें जाएं तब तक गर्भधारण को टाल दिया जाये। खोज में : जीका विषाणु द्वारा ग्रसित महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण में माइक्रोसेफली के उत्पन्न होने की संभावित विधि के बारे में बताया है। जीका विषाणु रेटिनोइक अम्ल के संकेतन के साथ हस्तक्षेप से भ्रूण के मस्तिष्क की कोशिकाओं के विकास में अपनी जीनोम अनुक्रम दोहराता है जिसे रेटिनोइक प्रत्युत्तर तत्व और सामान्यत: आरएआरई सहमति प्रत्युत्तर कहा जाता है। शोध में शामिल अन्य वैज्ञानिकों में डा. हिमांशु सिंह, डा. खुर्शीद और डा. सुब्रमण्यम दंतम ने बताया कि जीका विषाणु और माइक्रोसेफली के सम्बन्ध का सिद्धांत जीका विषाणु के पित्रैक समूह के अनुक्रमों तथा मनुष्य के डीएनए में प्रारंभिक तंत्रिका नाल के विकासात्मक तत्त्व संकेतक (रेटिनोइक अम्ल) की अनुक्रिया की समरूपता पर आधारित है।लाभ टीका बने : यह अध्ययन संभवत: शोध के नए क्षेत्र खोलता है और जीका विषाणु द्वारा उत्पन्न माइक्रोसेफली के खिलाफ निर्णायक सिद्ध हो सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत विचारों निश्चित रूप से यह निष्कर्ष निकल जा सकता है कि जीका विषाणु के संक्रमण को रोकने के लिए अवश्य ही प्रभावी और उत्कृष्ट टीका बनाया जायेगा। यह अध्ययन माइक्रोसेफली को रोकने के लिए की गई पहल में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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