Thursday, 11 August 2016

12 July 2016..4. विनिवेश प्रक्रिया पकड़ेगी रफ़्तार :-

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह की रफ्तार सुस्त रहने के कारण सरकार अब विनिवेश के माध्यम से खजाना भरने की कवायद में जुट गयी है। यही वजह है कि केंद्र विनिवेश प्रक्रिया की गति तेज करने को कदम उठा रहा है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग को विनिवेश किए जाने वाले चार उपक्रमों और बंद किए जाने वाले घाटे में चल रहे एक पीएसयू की पहचान कर जल्द ही एक प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजने को कहा है। बताया जाता है कि आयोग अगले एक हफ्ते में इन पांचों पीएसयू से संबंधिथ प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के पास भेज देगा। सूत्रों के अनुसार हाल में नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने प्रस्तावित सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के रोडमैप पर प्रधानमंत्री कार्यालय को एक प्रजेंटेशन दिया। इस बैठक में नीति आयोग को कहा गया कि आयोग जिन पीएसयू को बंद करना चाहता है उनमें से एक का प्रस्ताव तैयार करके पहले कैबिनेट के पास भेजे। साथ ही विनिवेश किए जाने वाले चार उपक्रमों का कैबिनेट नोट भी तैयार करे। सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रलय के अधीन आने वाला विनिवेश विभाग शायद इस काम को शीघ्र करने में सक्षम नहीं है, इसलिए इसे नीति आयोग को सौंपा है। सूत्रों ने कहा कि अभी यह तय नहीं है कि पहले किन पीएसयू का विनिवेश या रणनीति बिक्री होगी लेकिन यह तय करने का अधिकार नीति आयोग को दिया गया है। उल्लेखनीय है कि घाटे में चल रहे 74 सार्वजनिक उपक्रमों में से सरकार ने 26 को बंद करने की सिफारिश नीति आयोग ने की है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के माध्यम से 56,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 20,500 करोड़ रुपये रणनीतिक विनिवेश यानी पीएसयू को बेचकर जुटाए जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के आम बजट में विनिवेश का यह लक्ष्य तय करते हुए नीति आयोग को उन पीएसयू की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी थी जिनका विनिवेश किया जाना है। आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया, सीईओ अमिताभ कांत और सदस्य विवेक देबरॉय की एक समिति ने ही विनिवेश किए जाने वाले सार्वजनिक उपक्रमों के नामों को अंतिम रूप दिया है।

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