Thursday, 11 August 2016

12 July 2016..7. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी : मंदिर में महिलाओं को जाने से रोकना मौलिक अधिकारों का हनन:-

 केरल के सबरीमला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं को जाने देना उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन जैसा है। क्योंकि संविधान से लेकर वेद, उपनिषद कोई भी महिला और पुरुष में भेदभाव नहीं करते। केरल के इस मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है। 
इसे चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की। तीन सदस्यीय बेंच ने कहा, मंदिर पूजा का सार्वजनिक स्थल है। यहां महिलाओं को प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता। यह गंभीर मामला है। ऐसा प्रतिबंध कैसे लगाया जा सकता है।' मंदिर बोर्ड ने जवाब के लिए वक्त मांगा। उसने इस मामले को संविधान पीठ को सौंपे जाने की मांग भी की। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि उनकी बेंच यह मामला संविधान पीठ को सौंपने पर विचार कर सकती है। लेकिन यदि वह ऐसा करेगी तो इससे पहले इस मामले में विस्तार से फैसला देगी। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी।

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