मंगोलिया की राजधानी में 11वें एशिया-यूरोप बैठक शिखर सम्मेलन की शुरुआत फ्रांस के नीस शहर में हुए ट्रक हमले में मारे गए कम से कम 85 लोगों की याद में कुछ पलों का मौन रखने के बाद हुई। इस सम्मेलन में भारत समेत 49 देशों के शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं। मंगोलिया के राष्ट्रपति साखियागिन एल्बेगदोर्ज ने एएसईएम के सदस्य देशों का स्वागत किया। शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी कर रहे हैं। एशिया-यूरोप बैठक :एएसईएम: एक अनौपचारिक अंतर-क्षेत्रीय वार्ता है, जिसके तहत राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, वित्तीय, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर र्चचा की जानी है। इस साल के सम्मेलन में एएसईएम के 51 साझेदारों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल और दो अंतरसरकारी संगठन हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिनिधिमंडलों में से 30 यूरोपीय और 21 एशियाई देशों से हैं। इसकी थीम ‘‘एएसईएम के 20 साल: संपर्क के जरिए भविष्य के लिए साझेदारी’ है। बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, लातविया, म्यांमा, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। फ्रांस में हुए घातक ट्रक हमले की पृष्ठभूमि में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह आतंकवाद के साजिशकर्ताओं, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों के खिलाफ एकसाथ मिलकर त्वरित कार्रवाई करे और आतंकवाद के अभिशाप का नामोनिशान मिटा दे।मंगोलिया की राजधानी में आयोजित 11वें एशिया-यूरोप बैठक सम्मेलन के समग्र सत्र को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा, ‘‘हम सभी के समाज आज आतंकवाद के हर स्वरूप से अभूतपूर्व खतरे का सामना कर रहे हैं। सबसे हालिया उदाहरण फ्रांस में हुई सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना का है।’ अंसारी ने कहा, ‘‘हमें इस खतरे से निपटने के लिए अर्थपूर्ण ढंग से सहयोग करने की जरूरत है। आइए आज आतंकवाद के साजिशकर्ताओं, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करके आतंकवाद के अभिशाप को मिटाने के लिए एकसाथ काम करने का संकल्प लें।’ एएसईएम सम्मेलन में कई यूरोपीय नेताओं ने हिस्सा लिया। इनमें जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल और यूरोपीय काउंसिल के डोनाल्ड टस्क भी शामिल थे। फ्रांस के शहर में मारे गए निदरेष लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।अंसारी ने कहा कि ‘‘संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को शीघ स्वीकार किया जाना आज अनिवार्य हो गया है। मैं एएसईएम से इसे समर्थन देने की अपील करता हूं।’ उपराष्ट्रपति ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय संधियों के अनुरूप सागरों और महासागरों जैसे हमारे साझा नियंतण्र संसाधनों’ की सुरक्षा के लिए सहयोग का भी आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण की ओर से विवादित दक्षिण चीन सागर पर चीन के ‘‘ऐतिहासिक अधिकारों’ के दावे को खारिज कर दिए जाने के कुछ दिन बाद शुक्रवार को अंसारी ने कहा, ‘‘आइए, हम अपने विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से, धमकियों या बल प्रयोग के बिना हल करें और शांति एवं स्थिरता को प्रभावित करने वाले विवादों को बढ़ावा दे सकने वाली गतिविधियों में आत्मसंयम बरतें। यूएनसीएलओएस से जुड़ा होने के नाते भारत सभी पक्षों से अपील करता है कि वे सागरों और महासागरों की अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था स्थापित करने वाले यूएनसीएलओएस के प्रति उच्चतम सम्मान प्रदर्शित करें।’ यह मुद्दा फिलीपीन ने उठाया था। फिलीपीन के अलावा वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान ने चीन के दावों को चुनौती दी थी। सम्मेलन में चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग भी मौजूद थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि एएसईएम आज एशिया और यूरोप के बीच बहुपक्षवाद के दो दशक का प्रतीक है।
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