सरकार चार साल में एक करोड़ युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देगी। इसके लिए केंद्र ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाइ) में भारी भरकम 12,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह राशि 2016 से 2020 के बीच खर्च की जाएगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को इस आशय के प्रस्ताव पर मुहर लगायी।कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ लोगों को प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा। इसमें 60 लाख युवा ऐसे बिल्कुल नए अभ्यर्थी होंगे जबकि 40 लाख ऐसे होंगे जिन्होंने अनौपचारिक तौर पर पहले कोई हुनर हासिल कर रखा है लेकिन इस योजना के माध्यम से उन्हें अब सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस योजना के तहत प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं को आने-जाने तथा रहने का भत्ता मिलेगा। साथ ही उनका प्लेसमेंट होने के बाद वित्तीय मदद डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी। प्रशिक्षण मुहैया कराने वाले साझीदारों को भी भुगतान आधार और बायॉमीटिक्स के आधार पर किया जाएगा ताकि इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा रोजगार मेला और कौशल शिविरों के माध्यम से प्रशिक्षण के बाद रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का कहना है कि नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के मानकों के आधार पर कौशल प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा। युवाओं को घरेलू जरूरतों के हिसाब से कौशल प्रशिक्षण मुहैया कराने के साथ-साथ यूरोपीय और खाड़ी देशों में जरूरत के अनुसार भी कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे विदेशों में जाकर रोजगार प्राप्त कर सकें। कौशल विकास पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह ने परियोजना आधारित तरीके से पीएमकेवीवाइ का सुझाव दिया था। इसी के आधार पर सरकार ने अगले चार साल के लिए इस योजना के फ्रेमवर्क को मंजूरी दी है।
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