भारत सरकार ने 36 विदेशी रक्षा कंपनियों को भारत में प्रोडक्शन यूनिट लगाने की मंजूरी अब तक दी है। ये कम्पनियां एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) या फिर भारतीय कम्पनी के साथ ज्वाइंट वेन्चर के तहत रक्षा उपकरणों और सैन्य साजोसामान का उत्पादन करेंगी। खास बात यह है कि इनमें से सर्वाधिक 12 विदेशी कम्पनियां कर्नाटक राज्य में और नौ महाराष्ट्र में अपनी-अपनी यूनिट्स लगाने जा रही हैं। रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार की नई रक्षा पालिसी जारी होने के बाद विदेशी कम्पनियों ने भारत में अपनी इकाइयां स्थापित करने में खास रुचि दिखाई है। उनके आवेदन पर जांचोपरान्त पिछले माह तक छत्तीस कम्पनियों को सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इनमें से 12 प्रपोजल कर्नाटक राज्य में लगाने के लिए, नौ महाराष्ट्र, पांच नई दिल्ली, चार तेलंगाना, तीन तमिलनाडु और एक-एक हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश में लगाने के लिए प्राप्त हुए हैं। इधर, अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप विदेशी रक्षा कम्पनी के साथ मिलकर यहां डिफेंस प्रोजेक्ट्स पर काम करने जा रहा है। दरअसल, कम्पनी के मालिक अनिल अंबानी रिलायंस को बड़ी डिफेंस कम्पनी के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। कम्पनी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिलायंस अभी तक 84 हजार करोड़ Rs की डिफेंस बिडिंग में हिस्सा ले चुकी है। हालांकि, अभी तक एक भी प्रोजेक्ट हासिल नहीं कर पायी है। रिलायंस डिफेंस के चीफ एग्जीक्युटिव आरके ढींगरा ने कहा कि हम भारत सरकार के ‘‘मेक इन इंडिया’ कान्ट्रैक्ट में अहम हिस्सेदारी उम्मीद रखते हैं। उन्होंने कहा कि डिफेंस सेक्टर में कम्पनी कुछ सालों में बड़े प्लेयर के तौर पर सामने आएगी। रिलायंस इस्रइल की एक कम्पनी के साथ मिलकर भारत में ज्वांइट वेंचर बना रही है। उसके साथ मिसाइल, डिफेंस सिस्टम और एडवांस हेलीकाप्टर बनाने की कोशिश में है। वेंचर की शुरुआती कैपिटल पूंजी 13 हजार करोड़ Rs होगी। कम्पनी में रिलायंस की हिस्सेदारी 51 फीसद और विदेशी कम्पनी की हिस्सेदारी 49 फीसद होगी। नया वेंचर मध्य प्रदेश के इंदौर में धीरूभाई अंबानी लैंड सिस्टम्स पार्क में शुरू होगा।
No comments:
Post a Comment