Sunday, 21 August 2016

21 July 2016..

1.विदेशी निवेशकों को मिलेगा ‘निवासी’ का दर्जा:- सरकार महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए विदेशी निवेशकों को रिझाने के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत केंद्र ने विदेशी निवेशकों को भारत के ‘निवासी’ का दर्जा देने का प्रस्ताव किया है। ऐसा होने पर भारत में कारोबार के लिए आने वाले विदेशी निवेशकों को बार-बार वीजा लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि विदेशी निवेशकों को इसके लिए कुछ शर्तो का पालन जरूर करना होगा। वित्त मंत्रलय के आर्थिक कार्य विभाग समेत विभिन्न पक्षांे के साथ विचार विमर्श के बाद गृह मंत्रलय ने ‘स्थायी निवासी योजना’ (परमानेंट रेजीडेंसी स्कीम) का ड्राफ्ट कैबिनेट नोट तैयार कर संबंधित मंत्रलयों को भेजा है। जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है। इसके तहत विदेशी निवेशकों को निश्चित सीमा से अधिक राशि के निवेश पर भारत के निवासी का दर्जा दिया जा सकेगा। सरकार इस योजना के सामरिक और आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर कदम बढ़ा रही है। उसने यह कदम मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के इरादे से उठाया है। हालांकि इसके लिए विदेशी निवेशकों को कुछ शर्तो का पालन करना होगा। कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे विकसित देशों में निवेशकों के लिए इस तरह की उदार व्यवस्था है। फिलहाल विदेशी निवेशकों को एक बार में पांच साल के लिए बिजनेस वीजा दिया जाता है। यही वजह है कि सरकार विदेशी निवेशकों को निवासी का दर्जा देना चाहती है जिसके बाद उन्हें लंबे समय तक भारत-आने जाने की सुविधा प्राप्त होगी। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एफडीआइ नियम उदार बनाने के साथ लंबित सुधारों को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया है। माना जा रहा है कि यह पहल दीर्घावधि निवेश आकर्षित करने में कारगर हो सकती है।
2. अरुणाचल प्रदेश में चार दिन पुरानी पेमा खांडू सरकार विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में सफल:- अरुणाचल प्रदेश में चार दिन पुरानी पेमा खांडू सरकार विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में सफल रही। बुधवार को हुए बहुमत परीक्षण के दौरान 46 विधायकों ने मुख्यमंत्री के समर्थन में जबकि भाजपा विधायकों ने विरोध में मतदान किया। मुख्यमंत्री खांडू राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दोर्जी खांडू के बेटे हैं। 60 सदस्यों वाली विधानसभा के कुल 58 सदस्यों में से कांग्रेस सरकार को दो निर्दलीय सहित 47 विधायकों का समर्थन हासिल है। दो स्थान रिक्त है और विपक्षी भाजपा के पास 11 विधायक हैं। राज्यपाल तथागत राय ने मंगलवार रात विधानसभा का एक दिन का सत्र आहूत करते हुए खांडू को बहुमत साबित करने के लिए कहा था। बुधवार सुबह सत्र शुरू होने के समय विधानसभा उपाध्यक्ष तेन्जिंग नोबरू अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विश्वास मत जीतने के बाद खांडू ने सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी और कलिखो पुल सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि 26 प्रमुख जनजातियों और 100 से यादा उप-जनजातियों के साथ यह राज्य पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा क्षेत्र है। सभी सदस्यों से उन्होंने पूर्व के मुद्दे नहीं दोहराने की अपील की। लंबे समय तक राज्य में राजनीतिक तूफान रहने के बाद खांडू ने 17 जुलाई को नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। एक नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस ने 16 जुलाई को खांडू को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिया। खांडू ने दो निर्दलीय विधायकों के साथ ही पार्टी के 45 विधायकों के समर्थन का दावा पेश किया। राजनीतिक घटनाक्रम में मोड़ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया। सुप्रीम कोर्ट ने कलिखो पुल की सरकार को अपदस्थ कर दिया। इसके बाद विद्रोही कलिखो 30 असंतुष्ट विधायकों के साथ पार्टी में वापस लौट आए।
3. सुरक्षा परिषद के तौर-तरीकों पर भारत ने उठाया सवाल:- भारत ने गोपनीय कार्यप्रणाली और कामकाज के तरीकों में पारदर्शिता के अभाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आलोचना की है। परिषद की रहस्यमयी दुनिया से पर्दा उठाने की मांग करते हुए कहा है कि ‘नाम न बताने की शर्त और सर्वसम्मति’ वाले नियमों के कारण इसके सदस्य जवाबदेही से बच जाते हैं। अप्रैल में इन्हीं खामियों का फायदा उठाते हुए चीन ने पाकिस्तान में रह रहे आतंकी मसूद अजहर पर भारत के प्रस्ताव का वीटो कर दिया था। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के मास्टरमाइंड पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने मंगलवार को कहा परिषद की रहस्यमयी दुनिया में जो प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं उनमें बदलाव की जरूरत है। उनका आशय उन 26 प्रतिबंध प्रणालियों को लेकर था जो परिषद की ओर से कार्य करती है। वे ‘कामकाजी प्रणालियों’ पर सुरक्षा परिषद के सत्र को संबोधित कर रहे थे। अकबरूद्दीन ने कहा कि ये 26 प्रतिबंध प्रणालियां हर साल संयुक्त रूप से एक हजार फैसले लेती हैं। लेकिन, इनके बारे में न तो सदस्य देशों को और न ही मीडिया को कोई जानकारी दी जाती है। सदस्य किस प्रकार मतदान करते हैं और उनकी किसी मसले पर क्या स्थिति होती है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि औपचारिक बैठकों या अनौपचारिक परामर्श के मुकाबले कहीं अधिक फैसले परिषद की बैठकों में लिए जाते हैं। ऐसे में इसकी रहस्यमयी दुनिया में पारदर्शिता लाने का प्रयास नहीं किया जाना समझ से परे है। उन्होंने कहा,‘ऐसा क्यों होता है कि इस रहस्यमयी दुनिया के सकारात्मक फैसलों के बारे में हमें आसानी से बता दिया जाता है। लेकिन, प्रस्तावों को अस्वीकार करने जैसे नकारात्मक फैसलों के बारे में कुछ नहीं बताया जाता। प्रतिबंध प्रणाली में सूचीबद्ध करने के अनुरोध को स्वीकार करने का न तो कोई कारण बताया जाता है और न ही अस्वीकृत किए गए आवेदन सार्वजनिक तौर पर सामने आ पाते हैं।
4. एनएसजी में भारत के प्रयास में चीन ने प्रक्रि यागत बाधाएं खड़ी कीं:- परमाणु आपूत्तर्िकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के भारत के प्रयासों में चीन द्वारा प्रक्रि यागत बाधाएं खड़ी करने की बात को स्वीकार करते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि वह चीन के साथ मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रही है। साथ ही उसने स्पष्ट किया कि भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर कभी हस्ताक्षर नहीं करेगा, हालांकि वह निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा में बुधवार को सुप्रिया सुले, सौगत बोस के पूरक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा,मैंने पहले भी कहा था, आज भी कह रही हूं, सदन में कह रही हूं कि चीन ने प्रक्रि यागत विषयों को उठाया था। चीन ने कहा था कि एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाला देश एनएसजी का सदस्य कैसे बन सकता है। इस तरह से चीन ने प्रक्रि यागत बाधा खड़ी की। चीन के बहाने कांग्रेस को घेरे में लेते हुए सुषमा ने कहा कि एक बार कोई नहीं माने तो हम यह नहीं कह सकते कि वह कभी नहीं मानेगा। हमारे कांग्रेस के मित्र जीएसटी पर नहीं मान रहे हैं। अन्य सभी दल मान गए हैं। केवल कांग्रेस नहीं मान रही है। हम मनाने में लगे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि लेकिन वह एक बार नहीं माने तो क्या हम यह कहें कि वे कभी नहीं मानेंगे। हम मनाने में लगे हैं, हो सकता है कि जीएसटी इसी सत्र में पास हो जाए। सुषमा स्वराज ने कहा कि 2008 में असैन्य परमाणु संबंधी जो छूट हमें मिली थी, उसमें एनपीटी का सदस्य बने बिना ही इसे आगे बढ़ाने की बात कही गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया, हम एनपीटी पर कभी हस्ताक्षर नहीं करेंगे। लेकिन इसके लिए हमारी पूर्ण प्रतिबद्धता है। हम इसके लिए पूर्व की सरकार को भी श्रेय देते हैं। 2008 के बाद से छह वर्ष इस प्रतिबद्धता को पूर्व की सरकार ने पूरा किया और इसके बाद वर्तमान सरकार इस प्रतिबद्धता को पूरा कर रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत ने आधा अधूरा नहीं बल्कि भरपूर प्रयास किया। सुषमा ने कहा कि एनएसजी की सदस्यता के प्रयास में भारत को सफलता नहीं मिलने को कूटनीतिक विफलता नहीं माना जा सकता। यह सही नहीं है। पहले यह कहा जाता था कि क्या भारत एनएसजी का सदस्य बन पाएगा और अब यह पूछा जाने लगा है कि भारत एनएसजी का सदस्य कब तक बनेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि एक बार सफलता नहीं मिले तो इसे कूटनीतिक विफलता नहीं बल्कि आगे सफलता का रास्ता माना जाता है। वर्ष 2008 में जो छूट मिली थी, उसके माध्यम से हम बरामदे तक पहुंच गए और सदस्य बनने पर हम कमरे में पहुंच जाते।
5. बेनामी लेनदेन विधेयक में होगा संशोधन:- सरकार ने बुधवार को बेनामी लेनदेन पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के प्रयासस्वरूप ‘‘बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन विधेयक 2015 में और संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सरकारी बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संसद में बेनामी लेनदेन (निषेध) (संशोधन) विधेयक 2015 में संशोधनों को पेश किए जाने को मंजूरी दे दी गई।’ बयान के अनुसार इन संशोधनों का मकसद विधेयक के प्रावधानों को कानूनी और प्रशासनिक लिहाज से और मजबूत करना है ताकि विधेयक के कानून बनने के बाद इसके प्रावधानों को लागू करने में आने वाली व्यावहारिक परेशानियों को दूर किया जा सके। इस विधेयक के पीछे मकसद बेनामी लेनदेन अथवा कारोबार को प्रभावी ढंग से रोकना और अनुचित तरीके से कानून को धोखा देने पर लगाम लगाना है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने ट्रांसजेंडर (अधिकार संरक्षण) विधेयक को पेश किए जाने की मंजूरी दी।बिजली परियोजना : सरकार ने उत्तर प्रदेश के घाटमपुर में 17,237.8 करोड़ रपए की लागत से 1,980 मेगावाट क्षमता की तापीय बिजली परियोजना लगाने को मंजूरी दे दी। घाटमपुर कानपुर जिले में है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ आर्थिक मामलों की समिति ने 1,980 मेगावाट (3 गुणा 660 मेगावाट) क्षमता की घाटमपुर तापीय बिजली परियोजना स्थापित करने को मंजूरी दे दी। यह परियोजना संयुक्त उद्यम कंपनी नेवेली उत्तर प्रदेश पावर लि. (एनयूपीपीएल) द्वारा लगाई जाएगी। एनयूपीपीएल नैवेली लिग्नाइट कारपोरेशन और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की संयुक्त उद्यम है।’सागरमाला विकास कंपनी : सरकार ने कंपनी कानून के तहत 1,000 करोड़ रपए की शुरुआती अधिकृत पूंजी के साथ सागरमाला विकास कंपनी के गठन को मंजूरी दे दी। इसका मकसद महत्वकांक्षी सागरमाला परियोजना के तहत बंदरगाह आधारित आर्थिक विकास को गति देना है। पोत परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एसडीसी का गठन 1,000 करोड़ रपए के शुरुआती अधिकृत शेयर पूंजी के साथ किया गया है। एसडीसी पोत परिवहन मंत्रालय के अधीन काम करेगी।
6. 2016 में सबसे गर्म रही पृथ्वी : नासा:- नासा ने उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि इस वर्ष के पहले छह माह में पृथ्वी सबसे अधिक गर्म रही। साथ ही वर्ष 1979 में उपग्रह रिकॉर्ड की शुरुआत के बाद आर्कटिक सागर में बर्फ का स्तर सबसे कम रहा। पृवी पर किए गए अवलोकन और उपग्रह के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि वैश्विक तापमान और आर्कटिक सागर में बर्फ के स्तर के रूप में जलवायु परिवर्तन के दो संकेतकों ने इस वर्ष के पहले छह माह के दौरान कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए। अमेरिका में नासा के ‘‘गोडार्ड इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज’ (जीआईएसएस) के मुताबिक, वर्ष 2016 के पहले छह महीने आधुनिक तापमान रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे गर्म रहे, जिसकी शुरुआत वर्ष 1880 में हुई थी। जनवरी से लेकर जून तक की छह माह की अवधि भी पहली छमाही के लिहाज से सबसे गर्म रही और पृथ्वी 19वीं सदी के आखिर के वर्षो की तुलना में औसतन 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रही। नासा के गोडार्ड फ्लाइट सेंटर के मुताबिक, वर्ष 1979 से प्रारंभ के उपग्रहीय रिकॉर्ड के मुताबिक, पहले छह माह में से पांच माह में आर्कटिक सागर में बर्फ का स्तर सबसे कम रहा। केवल मार्च इस लिहाज से दूसरे स्थान पर रहा। इन दो प्रमुख संकेतकों के इस वर्ष कई रिकॉर्ड तोड़ने के बाद नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वैश्विक तापमान और आर्कटिक सागर के बर्फ के स्तर में परिवर्तन जारी है।
7. हाशिम अंसारी:- राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार मोहम्मद हाशिम अंसारी का हृदय संबंधी बीमारियों के चलते बुधवार सुबह निधन हो गया। वह 1949 से इस मामले से जुड़े थे।अयोध्या में पैदा हुए अंसारी ने सबसे पहले 1949 में इस मामले को लेकर अदालत में मुकदमा दायर किया था। वह सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा फैजाबाद दीवानी अदालत में दायर ‘‘अयोध्या मामले के मुकदमे’ में 1961 में कुछ अन्य लोगों के साथ प्रमुख वादी बने थे।इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने साल 2010 में इस मुकदमे में बहुमत से फैसला सुनाया था। अदालत ने अयोध्या में विवादित स्थल का एक तिहाई हिस्सा निर्मोही अखाड़े को आवंटित कर दिया था। बाकी का दो तिहाई हिस्सा वक्फ बोर्ड और रामलला का प्रतिनिधित्व करने वाले पक्ष के बीच बराबर बांट दिया गया था। फैसले के तुरंत बाद अंसारी ने विवाद को दफन करने और नई शुरुआत करने की अपील की थी।
8. मोहम्मद शाहिद:- भारत की 1980 के मॉस्को ओलंपिक में आखिरी बार हॉकी स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य और ड्रि¨ब्लग के जादूकर कहे जाने वाले मोहम्मद शाहिद का गुड़गांव के एक अस्पताल में बुधवार सुबह निधन हो गया।दुनिया के बेहतरीन फारवडरें में शुमार और ड्रि¨ब्लग के बेताज बादशाह माने जाने वाले शाहिद 1980 के मॉस्को ओलंपिक में आखिरी बार ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य थे। वह दो बार एशियाई खेलों 1982 और 1986 में पदक जीतने वाली भारतीय टीम के भी सदस्य थे। शाहिद ने 1985-86 के सत्र में भारत की कप्तानी भी की थी। वाराणसी में जन्मे शाहिद को 1980 की चैंपियंस ट्राफी में सर्वश्रेष्ठ फार्वड चुना गया था और वह 1986 में ऑल स्टार एशियन टीम के सदस्य चुने गये थे। उन्हें 1980-81 में अजरुन पुरस्कार तथा 1986 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

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