Sunday, 21 August 2016

12 Aug 2016.2. नागरिकता संशोधन विधेयक : संसद की संयुक्त समिति विचार करेगी:-

 पड़ोसी देश से आए शरणार्थियों को राहत प्रदान करने के वायदे को आगे बढ़ाने एवं नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 पर संसद की संयुक्त समिति विचार करेगी। लोकसभा में नागरिकता अधिनियम में और संशोधन करने वाले इस विधेयक को संसद की स्थायी समिति या संयुक्त समिति को भेजने के बीजद, कांग्रेस, वामदलों के आग्रह पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर सदन का विचार इसे संयुक्त समिति को भेजने का है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। वह इसके लिए तैयार हैं। राजनाथ ने कहा कि अगर सदन सहमत हो तो वह आज ही इसके लिए प्रस्ताव पेश करेंगे। सदस्यों ने इस पर सहमति व्यक्त की। इससे पहले बीजद के भर्तृहरि महताब ने कहा कि आज की कार्यसूची में नागरिकता संबंधी विधेयक सूचीबद्ध है। जब नागरिकता की बात आती है तो इससे हर नागरिक की संवेदनाएं जुड़ जाती है। भारत ने हमेशा से ही हर वर्ग और स्थान से आने वाले लोगों का अंगीकार किया है। इस विधेयक में उसी दिशा में पहल की गई है। कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत ने सदैव दूसरों को अपनाया है। इस विधेयक में नागरिकता पात्रता और समय से जुड़े विषयों का उल्लेख किया गया है। इसमें कुछ विसंगतियां हैं। इसे संसद की स्थाई समिति या संयुक्त समिति के समक्ष विचार के लिए भेजा जाए। माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा कि बांग्लादेश से घुसपैठ एवं असम की समस्या को देखते हुए इस विधेयक पर विचार किये जाने की जरूरत है। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह महत्वपूर्ण विधेयक है और इसे संयुक्त समिति को भेजा जाए। नागरिकता अधिनियम 1955 का और संशोधन करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 में पड़ोसी देश से आए हिन्दू, सिख एवं अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने की बात कही गई है, चाहे उनके पास जरूरी दस्तावेज हो या नहीं। विधेयक के कारण और उद्देश्यों में कहा गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के कई भारतीय मूल के लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है।

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