Sunday, 21 August 2016

12 Aug 2016..3. जीएसटी लागू होने पर खत्म हो सकते हैं सेस:-

 बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर स्वछ भारत सेस और कृषि कल्याण सेस खत्म हो सकते हैं। फिलहाल ये दोनों सेस सेवा कर पर लगाए जाते हैं और माना जा रहा है कि एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू होने पर सरकार इन्हें खत्म कर देगी। जीएसटी के अमल में आने के बाद सेस लगाए जाएंगे या नहीं, इसका फैसला केंद्र सरकार नहीं बल्कि जीएसटी काउंसिल करेगी। सूत्रों ने कहा कि केंद्र और राज्यों के अन्य परोक्ष करों की तरह सेस भी समाप्त हो जाएंगे। इससे कर नियमों का पालन करने में कारोबारियों को सुगमता रहेगी। केंद्र सरकार फिलहाल कई प्रकार के सेस लगाती है। सेवा कर पर लगने वाले कृषि कल्याण सेस और स्वच्छ भारत सेस से चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह कोयला के उत्पादन पर स्वच्छ पर्यावरण सेस लगाया जाता है। सरकार ने इससे 26,148 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सूत्रों ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के बाद सरकार को अगर सेस लगाने की जरूरत पड़ती है तो इसका फैसला केंद्र नहीं बल्कि जीएसटी काउंसिल करेगी जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री बतौर सदस्य शामिल होंगे। इस समिति की सहमति के बिना कोई नया सेस लागू नहीं किया जा सकेगा। हालांकि सेस किसी विशेष प्रयोजन से लागू किया जाता है, ऐसे में भविष्य में अगर कोई ऐसी विशिष्ट आवश्यकता खड़ी होती है तो जीएसटी काउंसिल यह फैसला करेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। इसके लागू होने पर केंद्र सरकार के केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क, विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क और रायों के वैट, मनोरंजन कर, केंद्रीय बिक्री कर, चुंगी और प्रवेश कर, क्रय कर, विलासिता कर और लॉटरी तथा सट्टेबाजी पर कर जैसे कई प्रकार के परोक्ष टैक्स समाप्त हो जाएंगे। जीएसटी के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक संसद ने पारित कर दिया है। अब इसे राज्यों के विधानमंडलों के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। 50 प्रतिशत राज्य विधानमंडलों की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति इसे मंजूरी देकर अधिसूचना जारी कर देंगे जिसके बाद जीएसटी काउंसिल गठित करने का रास्ता तैयार हो जाएगा। यही काउंसिल जीएसटी की दरें तय करने और सेस लगाने जैसे मुद्दों पर फैसला करेगी।

No comments:

Post a Comment