कालेधनपर बनी विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने तीन लाख रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगाने की सिफारिश की है। तीन लाख से अधिक के नकद लेनदेन को अवैध और दंडनीय करार देने के लिए इसने कानून बनाने का सुझाव दिया है। अगर किसी बैंक खाते से तीन लाख से ज्यादा नकद पैसे जमा किए या निकाले जाते हैं, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को दे। एसआईटी की राय में किसी व्यक्ति या कंपनी के पास 15 लाख से ज्यादा नकद नहीं होना चाहिए। अगर किसी को ज्यादा कैश रखने की जरूरत है तो वह अपने इलाके के इनकम टैक्स कमिश्नर से इसकी इजाजत ले।
रिटायर्ड जस्टिस एमबी शाह की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी पांचवीं रिपोर्ट में ये सिफारिशें की हैं। कोर्ट के निर्देश पर ही एसआईटी बनाई गई थी। नकद लेनदेन के बारे में दूसरे देशों के कानूनों, तमाम रिपोर्ट और कोर्ट की टिप्पणियों के अध्ययन के बाद इसने ये सिफारिशें की हैं।
विदेश में पड़ी अघोषित संपत्ति के बारे में एसआईटी ने कहा है कि आयकर कानून में संशोधन कर इसे भारत की संपत्ति घोषित कर दिया जाए। प्रॉपर्टी पर दावा करने वाले को साबित करना होगा कि उसने इसे रिजर्व बैंक की इजाजत के बाद कानूनी तरीके से खरीदा है। विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आयकर विभाग को जानकारी देना अनिवार्य बनाया जाए। पनामा पेपर लीक का हवाला देते हुए इसने कहा है कि सख्त कानून के बिना विदेश से कालाधन लाना मुश्किल होगा।
रिटायर्ड जस्टिस एमबी शाह की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी पांचवीं रिपोर्ट में ये सिफारिशें की हैं। कोर्ट के निर्देश पर ही एसआईटी बनाई गई थी। नकद लेनदेन के बारे में दूसरे देशों के कानूनों, तमाम रिपोर्ट और कोर्ट की टिप्पणियों के अध्ययन के बाद इसने ये सिफारिशें की हैं।
विदेश में पड़ी अघोषित संपत्ति के बारे में एसआईटी ने कहा है कि आयकर कानून में संशोधन कर इसे भारत की संपत्ति घोषित कर दिया जाए। प्रॉपर्टी पर दावा करने वाले को साबित करना होगा कि उसने इसे रिजर्व बैंक की इजाजत के बाद कानूनी तरीके से खरीदा है। विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आयकर विभाग को जानकारी देना अनिवार्य बनाया जाए। पनामा पेपर लीक का हवाला देते हुए इसने कहा है कि सख्त कानून के बिना विदेश से कालाधन लाना मुश्किल होगा।
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