कुख्यात आतंकी बुरहान वानी की मौत पर घाटी में भड़की ¨हसा के बहाने कश्मीर मसले का फिर से अंतरराष्ट्रीयकरण करने में जुटे पाकिस्तान को झटका लगा है। उसके सबसे बड़े सामरिक सहयोगी अमेरिका ने भी इस मामले में उसका साथ छोड़ दिया है। इस्लामाबाद को साफ संदेश देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रलय ने कहा है कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है। अमेरिका वहां जारी ¨हसा के बारे में भारतीय अफसरों से कुछ नहीं कह रहा है।’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी मंगलवार को दक्षिण सूडान पर प्रेस वार्ता के दौरान इस बारे में पूछे सवाल को तवजो नहीं दी। इतना कुछ होने के बावजूद पाकिस्तान बेशर्मी से बाज नहीं आ रहा है। उसने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों के राजदूतों से संपर्क साध कश्मीर को लेकर भारत की शिकायत की है। मानवाधिकार का सम्मान करने के लिए नई दिल्ली पर दबाव बनाने का आग्रह किया। पाक चाहता है कि घाटी में जारी ¨हसा के बहाने कश्मीर में जनमत संग्रह की उसकी मांग को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिले। पाकिस्तान को झटका देते हुए अमेरिका के साथ संयुक्त राष्ट्र ने भी कश्मीर मसले पर किसी भी किस्म का हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। दोनों ने घाटी में जारी ¨हसा पर चिंता तो जरूर जताई, लेकिन भारत से कुछ भी कहने से मना कर दिया। अमेरिका ने कहा, वह घाटी में ¨हसा की स्थिति से चिंतित है। सभी पक्ष शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में प्रयास करें। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने तो प्रेस वार्ता में कश्मीर पर कुछ भी कहने से परहेज किया। बाद में उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बयान जारी कर ¨हसा रोकने के लिए सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की। इन सबके बावजूद पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के राजदूतों से मुलाकात कर कश्मीर की हालात का ब्योरा दिया। चौधरी ने राजदूतों से कहा, भारत को कश्मीर में निदरेषों की हत्या की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। आग्रह किया कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देश भारत से कश्मीर में मानवाधिकार का सम्मान करने के लिए कहें।
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