प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली यूनिट संयुक्त रूप से बुधवार को राष्ट्र को समर्पित की। इस मौके पर दोनों नेताओं ने इसे खास और विशेषाधिकार प्राप्त भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की बेहतरीन मिसाल करार दिया। इस यूनिट की क्षमता 1000 मेगावाट की है। नई दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए मोदी ने कहा कि भारत-रूस परियोजना कुडनकुलम-1 भारत में स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण कदम है। इसकी पांच यूनिट और बनाए जाने की योजना है। उधर, मॉस्को से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े पुतिन ने कहा कि यूनिट का निर्माण उच्च सुरक्षा मानकों को अपनाते हुए सबसे आधुनिक रूसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके किया गया है, जबकि मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत परमाणु ऊर्जा उत्पादन के महत्वाकांक्षी एजेंडा को आगे बढ़ने को प्रतिबद्ध है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘कुडनकुलम सयंत्र-1 को राष्ट्र को समर्पित किया जाना भारत-रूस संबंधों के संदर्भ में एक और ऐतिहासिक कदम है। इसका सफलतापूर्वक पूरा होना हमारे खास और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की मजबूती का एक और सुंदर उदाहरण है। यह हमारी गहरी दोस्ती का जश्न भी है। यह इस क्षेत्र में हमारे सहयोग की शुरुआत भर है।’ तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता भी चेन्नई से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्र म में जुड़ीं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कुडनकुलम में ही पांच और यूनिट स्थापित करने की योजना है।
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