भारत को अमेरिका का ‘‘भू-राजनीतिक सहयोगी’ बताते हुए रिपब्लिकन मंच से नई दिल्ली से यह अपील की गई कि वह अपने धार्मिक समुदायों को हिंसा और भेदभाव से बचाए। इसके साथ ही पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को सुरक्षित करने का भी आह्वान यहां से किया गया।रिपब्लिकन पार्टी ने कहा, भारत हमारा भूराजनीतिक सहयोगी और एक रणनीतिक व्यापारिक साझेदार है। इसकी जनता की गतिशीलता और इनके लोकतांत्रिक संस्थानों का स्थायित्व इस देश को न सिर्फ एशिया में बल्कि पूरे विश्व में नेतृत्व की स्थिति में लेकर आ रहा है। भारतीय मूल के नागरिकों की ओर से अमेरिका के प्रति किए गए योगदानों का उल्लेख करते हुए इसमें कहा गया, हम भारत के सभी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए हिंसा एवं भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा की अपील करते हैं। रिपब्लिकन मंच या पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में कहा गया कि पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षो ने पाकिस्तान की जनता के लिए विशेष राजनीतिक एवं सैन्य चुनौतियां पैदा कर दी हैं।दस्तावेज में कहा गया, हमारा कामकाजी संबंध जरूरी है। हालांकि कई बार यह मुश्किल होता है लेकिन यह दोनों के लिए फायदेमंद है और हम इन ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय संघर्ष के बोझ से घिस गए हैं। दस्तावेज में कहा गया, जब तक आतंक के खिलाफ युद्ध में मदद के लिए पाकिस्तान के नागरिकों को दंडित किया जाता है, तब तक यह प्रक्रि या आगे नहीं बढ़ सकती। क्षेत्र को तालिबान से छुटकारा दिलाने और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को सुरक्षित बनाने में पाकिस्तानियों, अफगानिस्तानियों और अमेरिकियों के साझा हित निहित हैं। क्षेत्र में प्रगति के लिए आपसी विास की अपील करते हुए दस्तावेज में कहा गया, रिपब्लिकन उम्मीदवार के राष्ट्रपति बनने पर वह आपसी विास बहाल करने के लिए सभी क्षेत्रीय नेताओं के साथ मिलकर काम करेंगे और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले नशीले पदार्थों के व्यापार के खिलाफ और भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे बढ़ेंगे।वर्ष 2012 के रिपब्लिकन मंच ने दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र के साथ आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत संबंध के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों में जुड़ाव का भी स्वागत किया था।
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