सरकार का कहना है कि ग्लोबल वार्मिग का एक प्रमुख कारण अमेरिका की विकसित हथियार प्रणाली हार्प है। साथ ही स्वीकारा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में गेहूं और मक्के जैसी फसलों के उत्पादन में कमी आई है। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने सोमवार को एक सवाल के जवाब में रायसभा को बताया, ‘अमेरिका ने हाई फ्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरारोल रिसर्च प्रोग्राम (हार्प) नामक हथियार प्रणाली विकसित की है। हार्प सकेंद्रित और अनुकरणीय इलेक्ट्रामैग्नेटिक बीम के जरिये वायुमंडल की ऊपरी सतह को प्रभावित करती है।’उन्होंने बताया, ‘हार्प एक सुपर पॉवरफुल आइनोस्फेरिक हीटर का एडवांस्ड मॉडल है। संभवत: इसी वजह से पृथ्वी गर्म हो रही है।’ दवे से पूछा गया था कि क्या सरकार हार्प से अवगत है या नहीं? भारत सहित दुनिया की जलवायु पर पड़ने वाले विध्वंसकारी प्रभाव से निपटने में सक्षम है या नहीं? कृषि की अस्थिरता और पारिस्थितिकीय प्रणाली के परिणामों से परिचित है या नहीं? दवे ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) द्वारा कराए गए अध्ययन में पता चला है कि जलवायु परिवर्तन का गेहूं, मक्के, सरसों, आलू और वार जैसी फसलों के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। हालांकि उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए सरकार ने जून 2008 में नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज (एनएपीसीसी) शुरू किया था।
No comments:
Post a Comment