Sunday, 21 August 2016

11 Aug 2016..7. एनबीएफसी के एफडीआइ नियम उदार:-

 देश के गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र (एनबीएफसी) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) का प्रवाह बढ़ाने को इस क्षेत्र का दायरा बढ़ा दिया है। सरकार ने एफडीआइ के नियमों को उदार बनाते हुए ऑटोमेटिक मंजूरी के दायरे में आने वाली अन्य वित्तीय सेवाएं देने वाली एनबीएफसी को भी शामिल कर लिया है। लेकिन इन कंपनियों में एफडीआइ की ऑटोमेटिक मंजूरी का नियम तभी लागू होगा जब वे कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक अथवा सेबी जैसे नियामकों के दायरे में आती हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। मौजूदा नियमों में केवल 18 विशिष्ट प्रकार की सेवाएं देने वाली एनबीएफसी में ही एफडीआइ के लिए ऑटोमेटिक मंजूरी की अनुमति थी। बाकी अन्य वित्तीय सेवाओं की श्रेणी में आने वाली कंपनियों को एफडीआइ के लिए पहले मंजूरी लेनी होती थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में अन्य वित्तीय सेवाएं देने वाली गैर बैंकिंग कंपनियों के लिए भी एफडीआइ नियमों को उदार बनाने का एलान किया था। नवंबर 2015 के बाद एफडीआइ नियमों को सरल बनाने के क्रम में यह तीसरा बड़ा फैसला है। इसी साल जून में सरकार ने रक्षा और नागरिक उड्डयन समेत आठ क्षेत्रों के लिए एफडीआइ के नियमों को आसान बनाने का फैसला किया था। एफडीआइ नियमों को उदार बनाने की दिशा में सरकार ने न्यूनतम पूंजी की शर्तो को हटा लिया है क्योंकि अधिकांश नियामक इसके लिए खुद नियम तय कर चुके हैं। सरकार के इस फैसले से न केवल देश में एफडीआइ का प्रवाह बढ़ेगा बल्कि इससे आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार भी बढ़ेगी। सरकार के बयान के मुताबिक इसका असर पूरे देश पर होगा और किसी राज्य या जिले तक सीमित नहीं रहेगा। वर्तमान में 18 प्रकार की वित्तीय सेवाएं देने वाली एनबीएफसी में सौ फीसद एफडीआइ ऑटोमेटिक मंजूरी के तहत आता है।

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