Thursday, 11 August 2016

16 July 2016..5. डेढ़ साल बाद थमा निर्यात में गिरावट का दौर :-



 विदेश व्यापार के मोर्चे पर जून अछे संकेत देने वाला रहा है। आखिरकार 18 महीने बाद निर्यात में गिरावट का सिलसिला थम गया। जून के दौरान निर्यात में 1.27 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकारी खजाने के लिए इस महीने एक और राहत की बात यह हुई कि सोने के आयात में 38.54 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय उत्पादों की मांग में सुधार दिखना शुरू हो गया है। वाणिय मंत्रलय की तरफ से जारी विदेश व्यापार के आंकड़ों के मुताबिक जून 2016 में 22.57 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। बीते वर्ष इसी महीने में 22.28 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। उधर, आयात में कमी का सिलसिला अभी बना हुआ है। इस अवधि में आयात में 7.33 फीसद की कमी आई है। आलोय अवधि में 30.68 अरब डॉलर का आयात हुआ। इसका नतीजा यह हुआ कि विदेश व्यापार में होने वाला घाटा भी 8.11 अरब डॉलर पर ही सिमट गया। बीते वर्ष इसी महीने 10.82 अरब डॉलर का व्यापार घाटा दर्ज किया गया था। हालांकि जिन क्षेत्रों में भारत निर्यात के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है, उनमें अभी सुधार नहीं दिखा है। खासतौर पर टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट के निर्यात में गिरावट का सिलसिला अभी भी बना हुआ है। इसी तरह जेम्स एंड वैलरी के क्षेत्र में भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मांग अभी नहीं सुधरी है। अलबत्ता हैंडीक्राफ्ट उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ा है और पिछले साल के मुकाबले जून 2016 में इसमें 92 फीसद की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त जिन क्षेत्रों में निर्यात में तेज सुधार हुआ है उनमें मत्स्य उत्पाद, आयरन ओर, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स शामिल हैं। हालांकि फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) का मानना है कि निर्यात में सुधार होना निर्यातकों के उत्साह बढ़ाने वाला है। लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में चिंताएं बाकी हैं। फियो अध्यक्ष एस. सी. रल्हन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थितियां अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं। निर्यात पर ब्रेक्जिट का प्रतिकूल असर पूरी तरह आना अभी बाकी है। इसलिए निर्यात को इसी स्तर पर बनाये रखना भी उत्साहजनक होगा। अछी बात यह है कि टेक्सटाइल क्षेत्र को मिले पैकेज का असर भी आगे दिखेगा।

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