उत्तर कोरिया से बढ़ते सुरक्षा खतरों के चलते अमेरिका और दक्षिण कोरिया रक्षात्मक कदम उठाने जा रहे हैं। वे कोरियाई प्रायद्वीप में उन्नत मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात करेंगे। इस कदम से चीन बेचैन हो गया है। उसने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के राजदूत को तलब कर अपना कड़ा विरोध जाहिर किया। इस फैसले का रूस ने भी विरोध किया है।पेंटागन ने गुरुवार देर रात बयान में कहा कि टर्मिनल हाई एल्टीटूड एरिया डिफेंस (थाड) को तैनात करने का फैसला अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त रूप से लिया है। दोनों देशों ने यह फैसला दक्षिण कोरिया और उसके नागरिकों के साथ गठबंधन सेना को उत्तर कोरिया के विनाशकारी हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों के खतरे से बचाने के लिए लिया है। थाड की तैनाती के मुद्दे पर फरवरी में उस समय बात शुरू हुई जब उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी के राकेट का परीक्षण किया। इसके पहले जनवरी में उसने चौथा परमाणु परीक्षण किया था। तब से अमेरिका और दक्षिण कोरिया थाड की शीघ्र तैनाती सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। पेंटागन ने यह जाहिर नहीं किया कि मिसाइल रक्षा प्रणाली कब तैनात की जाएगी। उसने कहा कि तैनाती स्थल के चयन को लेकर वार्ता अंतिम दौर में है। चीन ने इस योजना को लेकर आगाह किया है। विदेश मंत्रलय ने कहा कि चीन इसका दृढ़ता से विरोध करता है। इससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकता है। जबकि रूस ने कहा, मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती से क्षेत्र का सामरिक संतुलन बिगड़ जाएगा।
No comments:
Post a Comment