मोक्षदायिनी मां गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को सात राज्यों में अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नमामि गंगे के पहले चरण का 231 परियोजनाओं के साथ शुभारंभ कर दिया। इस पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें नदी को स्वछ करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और इसके बहाव को अवरोध मुक्त करना शामिल है। शुरुआत नदी के किनारों को सुंदर बनाने से होगी। साथ ही घाटों और श्मशान घाटों का निर्माण और मरम्मत भी होगी। इसी के साथ गंगा किनारे वाले पांच राज्यों में 104 स्थानों पर अधिक क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। गंगा ग्राम योजना में नदी से लगे 400 गांवों को वेस्ट मैनेजमेंट में शामिल किया जाएगा। 13 आइआइटी ने गंगा ग्राम विकास के लिए पांच गांवों को गोद लिया है।
क्या होगा इस परियोजना से
• पवित्र नदी गंगा को स्वछ करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और गंगा के बहाव को अवरोध मुक्त करना शामिल है
• सफाई का पहला चरण अक्टूबर, 2016 में होगा पूरा
• दूसरा चरण उसके दो साल बाद पूरा हो जाएगा
• एक एप भी लांच। इससे की जा सकेगी नदी में प्रदूषण के स्तर की निगरानी
• परियोजना के तहत उप्र में 112, उत्तराखंड में 47, बिहार में 26, प. बंगाल में 20 और झारखंड में 19 योजनाएं चलेंगी। इसमें दिल्ली-हरियाणा में यमुना के लिए सात योजनाएं भी शामिल की गई हैं
• आठ बायोडायवर्सिटीज सेंटर बनाए जाएंगे। इन्हें ऋषिकेश, देहरादून, नरोरा, इलाहाबाद, वाराणसी, भागलपुर, साहिबगंज और बैरकपुर में स्थापित किया जाएगा
• गंगा ग्राम योजना में नदी से लगे 400 गांवों को वेस्ट मैनेजमेंट में शामिल किया जाएगा
• नदी से सटे 30 हजार हेक्टेयर इलाके में पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। 113 रीयल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे
• गंगा के किनारे बसे गांवों में स्वछता पर जोर देने के साथ शौचालयों के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा
• श्मशान घाटों पर भी ऐसी व्यवस्था पर जोर है ताकि अधजले या बिना जले शव नदी में न बहाए जाएं
क्या होगा इस परियोजना से
• पवित्र नदी गंगा को स्वछ करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और गंगा के बहाव को अवरोध मुक्त करना शामिल है
• सफाई का पहला चरण अक्टूबर, 2016 में होगा पूरा
• दूसरा चरण उसके दो साल बाद पूरा हो जाएगा
• एक एप भी लांच। इससे की जा सकेगी नदी में प्रदूषण के स्तर की निगरानी
• परियोजना के तहत उप्र में 112, उत्तराखंड में 47, बिहार में 26, प. बंगाल में 20 और झारखंड में 19 योजनाएं चलेंगी। इसमें दिल्ली-हरियाणा में यमुना के लिए सात योजनाएं भी शामिल की गई हैं
• आठ बायोडायवर्सिटीज सेंटर बनाए जाएंगे। इन्हें ऋषिकेश, देहरादून, नरोरा, इलाहाबाद, वाराणसी, भागलपुर, साहिबगंज और बैरकपुर में स्थापित किया जाएगा
• गंगा ग्राम योजना में नदी से लगे 400 गांवों को वेस्ट मैनेजमेंट में शामिल किया जाएगा
• नदी से सटे 30 हजार हेक्टेयर इलाके में पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। 113 रीयल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे
• गंगा के किनारे बसे गांवों में स्वछता पर जोर देने के साथ शौचालयों के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा
• श्मशान घाटों पर भी ऐसी व्यवस्था पर जोर है ताकि अधजले या बिना जले शव नदी में न बहाए जाएं
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