देश में छत पर सोलर पैनल से जुड़े ग्रिड आधारित ऊर्जा कार्यक्रम को सहायता देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने विश्व बैंक के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत विश्व बैंक से उसे 62.50 करोड़ डॉलर (लगभग 4,200 करोड़ रुपये) की रकम प्राप्त होगी। इससे देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ को ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टेइक (जीआरपीवी) प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग में मदद मिलेगी। बैंक बेहद प्रतिस्पर्धी दरों पर फंड मुहैया करा सकेगा। छतों पर इस तरह के पैनल संस्थापित करके सरकार का 40 गीगावॉट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य है। एसबीआइ की ओर से बताया गया कि करार से इस लक्ष्य को तेजी से हासिल करने में मदद मिलेगी। यह बाजार में मांग पैदा करेगा। सुविधा के तहत ऐसे डेवलपर्स, एग्रीगेटर्स और एंड-यूजर्स पात्र लाभार्थी होंगे जो वाणियिक, औद्योगिक और संस्थागत स्तर पर सोलर पीवी प्रोजेक्ट लगाना चाहते हैं। इस पहल से देश में कम से कम 400 मेगावॉट सौर क्षमता तैयार होगी। सोलर पीवी के लिए निवेश माहौल को सुधारना भी इस कार्यक्रम का मकसद है। यह परियोजना प्रमुख संस्थानों की क्षमता बढ़ाने के साथ सौर पीवी बाजार के विकास को सहायता उपलब्ध कराएगी। करार पर एसबीआइ के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर करनाम सेकर और भारत में विश्व बैंक के कंट्री हेड ओनो रुल ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, विश्व बैंक के प्रेसीडेंट जिम योंग किम और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास मौजूद रहे।
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