Saturday 2 July 2016

29 June 2016..3. सरकार ने मंत्रियों, विभागों के वित्तीय अधिकार बढ़ाए:-

 परियोजनाओं की मंजूरी में तेजी लाने के लिए सरकार ने विभागों और मंत्रालयों के वित्तीय अधिकार बढ़ा दिए हैं। मंत्रियों को अब 500 करोड़ रपए तक की परियोजनाओंको मंजूरी देने का अधिकार दिया गया है जबकि इससे पहले उन्हें 150 करोड़ रपए तक की मंजूरी देने का अधिकार था।वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा 500 करोड़ रपए से अधिक तथा 1,000 करोड़ रपए तक की परियोजनाओं को वित्त मंत्री मंजूरी दे सकते हैं। 1,000 करोड़ रपए से अधिक की परियोजना के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी की जरूरत होगी। इसमें कहा गया है, ‘‘संशोधित नियम के तहत गैर-योजना व्यय मामलों की समिति (सीएनई) अब 300 करोड़ रपए और उससे अधिक के व्यय से संबद्ध प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी।इससे पहले यह सीमा 75 करोड़ रपए थी। तीन सौ करोड़ रपये से कम गैर-योजनागत कार्यक्र मों या परियोजनाओं का आकलन मंत्रालय या संबद्ध मंत्रालय की स्थायी वित्त समिति करेगी। गैर-योजनागत परियोजनाओं के मामले में संबद्ध मंत्रालय के प्रभारी मंत्री की वित्तीय शक्तियां भी बढ़ाई गई हैं और 500 करोड़ रपए से कम लागत वाली योजनाओं को अब इस स्तर पर मंजूरी दी जा सकती है। बयान के अनुसार पूर्व में प्रभारी मंत्री 150 करोड़ रपए से कम लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दे सकता था। बयान में कहा गया है कि 1,000 करोड़ रपए या उससे अधिक के प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल या मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति निर्णय करेगी।इसके साथ ही आकलन के संदर्भ में वित्तीय सीमा तथा लागत अनुमान में वृद्धि को लेकर भी नियम संशोधित किए गए हैं। बयान के अनुसार, ‘‘निर्धारित लागत में अगर 20 प्रतिशत या 75 करोड़ रपए तक की वृद्धि होने पर वित्तीय सलाहकार उसकी समीक्षा कर सकते हैं और इस बारे में निर्णय संबद्ध विभाग के सचिव करेंगे। लेकिन इससे अधिक वृद्धि होने पर संबद्ध विभाग के मंत्रालय निर्णय करेंगे।’ बयान में कहा गया है कि इस कदम से मूल्यांकन तथा मंजूरी प्रक्रि या में तेजी आएगी।
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