काले धन पर मोदी सरकार की कार्रवाई का असर अब साफ दिखने लगा है। स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में तेज गिरावट आई है। यह एक तिहाई घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 1.2 अरब फ्रैंक (करीब 8,392 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है। दिलचस्प यह है कि इसी दौरान पाकिस्तानी नागरिकों ने अपनी यादा कमाई स्विस बैंकों में रखवाई। उनकी जमा राशि 16 फीसद बढ़कर 1.5 अरब फ्रैंक (लगभग 10 हजार करोड़ रुपये) हो गई है। यानी स्विस बैंकों में पैसा जमा करने के मामले में पाकिस्तानियों ने भारतीयों को पीछे छोड़ दिया है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंकिंग प्राधिकरण स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने गुरुवार को आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार 2015 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन 59.64 करोड़ स्विस फ्रैंक (सीएचएफ) घटकर 121.76 करोड़ फ्रैंक रह गया। स्विट्जरलैंड के बैंकों ने 1997 से विदेशियों के जमा धन के बारे में आंकड़े सार्वजनिक करना शुरू किए थे। उसके बाद से यह भारतीयों के जमा धन का सबसे निचला स्तर है। यह लगातार दूसरा साल है जब स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में गिरावट आई है। 2006 के अंत तक भारतीयों की स्विस बैंकों में जमा रकम रिकॉर्ड ऊंचे स्तर 6.5 अरब सीएचएफ (तकरीबन 23,000 करोड़ रुपये) पर थी। हालांकि, उसके बाद से लगातार भारतीयों की रकम में कमी आ रही है। यह और बात है कि 2011 में इसमें 12 फीसद और 2013 में 42 फीसद का इजाफा हुआ। 2015 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों का सीधे जमा धन 120.67 करोड़ सीएचएफ रह गया। एक साल पहले यह 177.6 करोड़ सीएचएफ था। वेल्थ मैनेजर्स या ट्रस्टी के जरिये जमा धन 2014 के अंत तक 3.79 करोड़ सीएचएफ से घटकर 1.08 करोड़ सीएचएफ रह गया। 2014 के अंत तक कुल जमा धन 181.4 करोड़ सीएचएफ था। यह ट्रस्टी के जरिये जमा धन का सबसे निचला स्तर है। एसएनबी के ताजा आंकड़े ऐसे समय आए हैं जब स्विट्जरलैंड ने भारत और अन्य देशों की ओर से उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर विदेशी ग्राहकों का ब्योरा साझा करना शुरू किया है। कालेधन के खिलाफ भारत की मुहिम में स्विट्जरलैंड ने सहयोग को और बढ़ाने की सहमति दी है। 2018 से सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के लिए वह भारत के साथ नए करार पर दस्तखत कर सकता है।
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