Sunday 3 July 2016

4 July 2016..1.केरल के चर्च ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया:-

 कैथोलिक समुदाय में अपना प्रभाव रखने वाले सायरो-मालाबार चर्च ने केंद्र सरकार के समान नागरिक संहिता लागू करने संबंधी प्रस्तावित कदम का समर्थन किया है। चर्च ने कहा है कि ऐसी प्रणाली से देश मजबूत होगा और लोगों के बीच एकता बढ़ेगी।देशभर में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर बहस जारी रहने के बीच इस अल्पसंख्यक समुदाय ने अपना पक्ष साफ कर दिया है। मोदी सरकार ने पिछले हफ्ते विधि आयोग को संघ परिवार और भाजपा के इस पसंदीदा मुद्दे पर गौर करने की जवाबदेही सौंपी है। सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए सायरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के प्रमुख कार्डिनल जॉर्ज एलनचेरी ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता देश की मजबूती और देशवासियों के बीच एकता के लिए उपयोगी है।’ उन्होंने संहिता तैयार करने के दौरान पंरपराओं और मान्यताओं का ध्यान रखने की अपील की। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि ‘तीन बार तलाक’ की संवैधानिक वैधता पर कोई भी फैसला करने से पहले वह जनता के बीच और अदालत में व्यापक बहस चाहता है। दरअसल ‘तीन बार तलाक’ के बारे में कई लोगों की शिकायत है कि इसकी आड़ में मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को एकतरफा तलाक दे देते हैं। इस फैसले को देखते हुए सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण है। समान नागरिक संहिता भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा है। लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रितक गठबंधन सरकार ने 1998 और 1999 में और इस बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता में आने के बाद समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। भाजपा का कहना है कि देश के संविधान में जिक्र होने के बावजूद समान नागरिक संहिता का वोट बैंक की राजनीति की वजह से विरोध किया जाता है।

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