सुबह विस्तार और देर शाम तक फेरबदल के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संदेश दे दिया है कि वह खुद अपने कुछ मंत्रियों के कामकाज और कार्यशैली से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे। दो साल के कार्यकाल के साथ ही वह अपने मंत्रियों और मंत्रलयों को भी झकझोर कर पूरी व्यवस्था दुरुस्त करना चाहते हैं। शिक्षा, कानून, नागर विमानन, ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य मंत्रालय जैसे बड़े मंत्रालयों के प्रभारी मंत्रियों को हटाकर मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह नई सोच और नई कार्यशैली के साथ इन मंत्रालयों में बदलाव देखना चाहते हैं। ऊपर के चार-पांच बड़े मंत्रालयों को छोड़कर मोदी ने अधिकतर मंत्रालयों में या तो प्रभार बदला है या फिर छोटे बदलाव के साथ यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह बचे हुए तीन साल में सही दिशा में तेजी से काम चाहते हैं। विस्तार में शामिल हुए 19 नए मंत्रियों को उनकी योग्यता और रुचि के अनुसार समाहित किया गया है। राज्य मंत्री निहालचंद, रामशंकर कठेरिया, सांवरलाल जाट, मनसुखभाई डी. वसावा और एम के कुंडारिया की छुट्टी कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने दोपहर को ही अपने कैबिनेट सहयोगियों को यह संदेश दे दिया था कि वह बड़ा बदलाव करने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक में उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ बड़े बदलाव करने वाला हूं। आप इसे लेकर दुखी न हों और न ही निराश हों। आपको इसकी जानकारी मिल जाएगी।’ उसी वक्त से सरकार के कई मंत्रालयों में खलबली मची थी। सबसे बड़ा बदलाव शिक्षा में दिखा। स्मृति ईरानी को वहां से हटाकर कपड़ा मंत्री बनाया गया और शिक्षा का प्रभार प्रकाश जावड़ेकर को सौंपा गया। ध्यान रहे कि पिछले दिनों वह विवादों में रही थीं। उनकी कार्यशैली को लेकर भी शिकायतें रही थीं। संसद में उन पर अलग-अलग जवाब देने का आरोप लगा था। वहीं कानून मंत्रालय का प्रदर्शन पिछले दिनों में सरकार के लिए संतोषप्रद नहीं रहा था। मोदी ने फिर से यह जिम्मा तेजतर्रार मंत्री रविशंकर प्रसाद को दे दिया है। जबकि दूरसंचार का प्रभार उनके पास पहले से था। लेकिन एक झटका भी दिया गया। अब उनके पास कानून के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी का मंत्रालय रहेगा। संचार मंत्रालय अलग से गढ़कर उसका जिम्मा उत्तर प्रदेश से आने वाले मनोज सिन्हा को दिया गया है। रेल राज्य मंत्री का पद भी उनके पास बना रहेगा। ध्यान रहे कि रविशंकर के कॉल में कॉल ड्राप को लेकर काफी चर्चा रही थी। ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह और इस्पात मंत्री नरेंद्र तोमर के मंत्रालय में अदला-बदली हो गई है। मानसून सत्र से पहले संसदीय कार्य मंत्रलय में भी बदलाव किया गया है जो इसका संकेत है कि इस बार सरकार उग्र रहने के बजाय तालमेल बिठाकर चलना चाहती है। वेंकैया नायडू से संसदीय कार्य लेकर अनंत कुमार को सौंपा गया और राज्य मंत्री के रूप में उनके साथ एसएस अहलूवालिया को जोड़ा गया है। अहलूवालिया को ग्रामीण विकास में भी राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। सिविल एविएशन के राज्य मंत्री महेश शर्मा के पर भी कतरे गए हैं। उनकी जगह जयंत सिन्हा को राज्य मंत्री बनाया गया है।
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