विश्व बैंक के प्रमुख जिम योंग किम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्वक्षमता के कायल हैं। किम को मोदी की सबसे अछी बात यह लगती है कि वह न सिर्फ बड़े व महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करते हैं, बल्कि उसे एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरा करने का माद्दा भी दिखाते हैं। भारत की यात्र पर दो दिन पहले आए किम ने गुरुवार को यहां मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा कई अन्य प्रमुख लोगों से मुलाकात की। उन्होंने भारत को ढांचागत क्षेत्र के विकास में हरसंभव आर्थिक मदद देने और खास तौर पर गैर पारंपरिक ऊर्जा स्नोतों को अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराने का वादा भी किया। मोदी से मुलाकात के बाद किम ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर मोदी के जबरदस्त प्रशंसक हैं। इसकी एक वजह यह है कि वह दुनिया के महान नेताओं की तरह महत्वाकांक्षी व निश्चित समय सीमा के भीतर पूरी होने वाली योजना बनाते हैं। साथ ही अपने सहयोगियों को उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उनके नेतृत्व में भारत न सिर्फ दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना है, बल्कि ब्रेक्जिट के माहौल में भी तेजी से विकास करने की संभावना दिखा रहा है। किम ने यह भी माना कि मोदी के नेतृत्व में भारत में परिवर्तन दिखने लगा है। इस क्रम में उन्होंने कारोबारी सुगमता की सूची में पिछले दो वर्षो के दौरान भारत को 35वां स्थान दिलाया। इस तरह पहले के 54वें स्थान के मुकाबले भारत ने बड़ी छलांग लगाई। हालांकि भारत के समक्ष चुनौतियां भी कम नहीं हैं। मोदी के साथ मुलाकात में किम ने राजग सरकार की सभी फ्लैगशिप परियोजनाओं में हरसंभव मदद करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी, नमामि गंगे जैसी परियोजनाओं को लेकर वह बहुत उत्साहित हैं।पीएम मोदी अपने काम को बहुत ही बखूबी समझ रहे हैं, क्योंकि वह जिस तरह की मांग विश्व बैंक से अपनी परियोजनाओं के लिए कर रहे हैं, वह आश्चर्यजनक है। वह हर परियोजना के लिए खास मदद चाहते हैं, जिसकी मांग वही व्यक्ति कर सकता है जो पूरे मामले को समझ रहा हो। मोदी ने स्वछ भारत मिशन और सभी को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के मामले में विश्व बैंक से मदद मांगी है। बाद में किम ने भारत की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए एक अरब डॉलर (6,700 करोड़ रुपये) की मदद देने की घोषणा की है।
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