केंद्र की भाजपानीत राजग सरकार अपने वादे को पूरा करने की कोशिश में नागरिक कानून में संशोधन करने जा रही है। ताकि बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं और सिखों को लंबी अवधि का वीजा और भारतीय नागरिकता मिल सके। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में इस मुद्दे के हर पहलू पर गहन चर्चा की गई है। इस बैठक में अन्य लोगों के साथ ही विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल हुए थे। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए जाने के बाद हजारों हिंदुओं और सिखों ने बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में प्रवेश किया है। वर्तमान नियम-कानूनों के चलते इन शरणार्थियों को लंबी अवधि का वीजा या भारतीय नागरिकता हासिल करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इसीलिए सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन का फैसला लिया है। ताकि ऐसे शरणार्थियों को बिना किसी परेशानी के लंबी अवधि का वीजा या नागरिकता मिल जाए। लोकसभा चुनाव से पहले 2014 में भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में भी इसका उल्लेख था। भाजपा ने घोषणापत्र में कहा था कि किसी अन्य देश से बेदखल हिंदुओं के लिए भारत स्वाभाविक घर है। अत: बतौर शरणार्थी उनका देश में स्वागत किया जाना चाहिए। मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से पड़ोसी देशों से आए हिंदू और सिख शरणार्थियों को छोटी-बड़ी सुविधाओं देने वाले कई फैसले किए गए हैं। उन्हें लंबी अवधि के वीजा की छूट, रिहाइशी घर खरीदने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक खाता खुलवाना और वीजा लेने की फीस कम करने के फैसले लिए हैं।
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