Saturday, 2 July 2016

29 June 2016..6. पूर्वोत्तर के राज्य मत्स्य पालन पर दे जोर : केंद्र:-



केन्द्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों से मछली की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मत्स्य पालन को बढावा देने का अनुरोध किया है। पशुपालन, डेयरी और मस्त्य पालन विभाग के सचिव देवेन्द्र चौधरी ने सिक्किम को शीतल व् स्वच्छ जल के मत्स्य पालन, विशेषकर ट्राउट पालन पर अधिक ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने मणिपुर और असम को जल जमाव वाले क्षेत्रों में मत्स्य पालन को बढावा देने तथा इस पर निवेश करने को कहा। साथ ही मिजोरम में बडे बडे जलाशयों के होने के कारण उसे केज कल्चर प्रौद्योगिकी अपनाने पर जोर देने को कहा। मिजोरम में 4300 हेक्टेयर में जलाशय है। श्री चौधरी ने मत्स्य पालन के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों की 2020 की कार्य योजना की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि असम , मिनोरम , सिक्किम , त्रिपुरा और मणिपुर को मछली की अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिये बाहर से इसकी आपूत्तर्ि के बजाय घरेलू उत्पादन पर बल देना चाहिये । उन्होंने इन राज्यों को अपनी जरूरतें बताने को कहा , ताकि राष्ट्रीय कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा सके। ऐसा माना जाता है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के मत्स्य पालन पर ध्यान केन्द्रित किये जाने से इन राज्यों में न केवल मछली पालन को बढावा मिल सकेगा बल्कि 2020 तक इस क्षेत्र में अपनी आवश्कताओं को पूरा करने के लिये बाहर से मछली मंगाने की जरूरत नहीं रहेगी। बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत सुअर पालन , घर के निकट कुक्कुट पालन और पशु बीमा योजना पर विशेष ध्यान देने को भी कहा गया । वर्ष 2016-17 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत 4300 लाख रूपए आवंटित किये गये हैं। बैठक में कहा गया कि किसानों की आय में वृद्धि के लिये पशुपालन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है । श्री चौधरी ने किसानों की आय दोगुना करने के मद्देनजर राज्यों से पशुनालन पर विशेष ध्यान देने को कहा है। इसके साथ ही दूध उत्पादन बढाने और दुधारू पशुओं में उत्पादकता बढाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने राज्यों से देशी पशुओं में विशेष रूप से उत्पादकता बढाने पर ध्यान देने को कहा । देश में गरीब , लघु एवं सीमांत किसान लगभग 80 प्रतिशत देशी पशुओं को पालते हैं।

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