यूरोप को हिलाने वाले फैसले ब्रेक्जिट के प्रबल समर्थक नाइजल फराज ने राजनीति को अलविदा कह दिया है। 52 वर्षीय फराज ने सोमवार को ब्रिटेन के धुर दक्षिणपंथी दल यूके इंडिपेंडेंस पार्टी (यूकेआइपी) के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया। फैसले की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट के साथ ही उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी हो गई। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ की सदस्यता छोड़ने के समर्थन में उन्होंने काफी जबर्दस्त अभियान चलाया था। इस मसले पर 23 जून के जनमत संग्रह के बाद से फैसले से चौंकाने वाले वे तीसरे ब्रिटिश राजनेता हैं। जनमत संग्रह के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अक्टूबर तक अपना पद छोड़ने की घोषणा की थी। उसके बाद लंदन के पूर्व मेयर बोरिस जॉनसन ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री पद की दौड़ से हटने का एलान किया था। राजनीति में नहीं लौटने का संकेत देते हुए फराज ने कहा कि वे कभी राजनीति में करियर नहीं बनाना चाहते थे। ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर निकालने के मकसद से वे इस क्षेत्र में आए थे और यह लक्ष्य पूरा हो गया है। अब वह अपनी पुरानी जिंदगी वापस चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मुङो अब महसूस हो रहा है कि मैंने अपना योगदान दे दिया। मैं और ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर सकता। मुझे लगता है कि यह सही है कि मैं अब यूकेआइपी के प्रमुख का पद छोड़ दूं।’ पार्टी ने 1999 में उन्हें यूरोपीय संसद का सदस्य निर्वाचित किया था। इससे पहले 2009 और 2015 में भी उन्होंने पार्टी के प्रमुख पद से इस्तीफा दिया था। लेकिन, दोनों मौकों पर उन्होंने राजनीति से दूरी नहीं बनाई थी। इस बार उन्होंने फैसले से पीछे नहीं हटने की बात कही है। गौरतलब है कि यूरोपीय संघ के घोर विरोधी फराज की पत्नी इस समूह के सबसे ताकतवर देश जर्मनी से ताल्लुक रखती हैं। कभी वे प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के भी काफी करीब थे। ईयू विरोध को लेकर उन्हें कई मौकों पर कटु आलोचना का भी सामना करना पड़ा। पिछले सप्ताह यूरोपीय संसद की बैठक में भी यह स्थिति उनके सामने पैदा हो गई थी।
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