Saturday 2 July 2016

28 June 2016..2. एफडीआइ के बाद सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश पर जोर:-

 देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) से जुड़े अहम कदम उठाने के बाद केंद्र सरकार की नजर अब विनिवेश के क्षेत्र में सुधार को आगे बढ़ाने पर है। सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बेचने के काम को सरकार अब यादा दिनों तक नहीं लटकाएगी। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने की कमान संभाल ली है। मोदी ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रलय और कुछ अन्य मंत्रलयों की एक उचस्तरीय बैठक की। इसमें विनिवेश प्रक्रिया की रूपरेखा को तय किया गया। सरकार जल्द सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री भी शुरू करने जा रही है।सूत्रों के मुताबिक विनिवेश कार्यक्रम पर नीति आयोग की रिपोर्ट को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई है। नीति आयोग ने दो हफ्ते पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। माना जा रहा है कि आयोग ने दो दर्जन ऐसे पीएसयू को बंद करने की सिफारिश की है, जिन्हें कई बार सुधारने की कोशिश की गई, लेकिन उसका कोई खास फायदा नहीं निकला। आयोग ने कुल 74 कंपनियों के विनिवेश का मसौदा तैयार किया है। इनमें से कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनकी रणनीतिक बिक्री करने की सिफारिश की गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही यह कह चुके हैं कि यह सरकार एक बार फिर सरकारी उपक्रमों की रणनीतिक बिक्री करेगी। सरकारी उपक्रमों की रणनीतिक बिक्री यानी जिसमें हिस्सेदारी के साथ ही कंपनी की सारी संपत्तियां और उनके प्रबंधन का जिम्मा भी निजी कंपनी को सौंप दिया जाता है। विनिवेश की यह प्रक्रिया पूर्व राजग सरकार ने ही शुरू की थी, लेकिन राजग के दस वर्षो में रणनीतिक बिक्री नहीं की गई। सिर्फ शेयर बाजार के जरिये थोड़े-थोड़े हिस्से की ही बिक्री की गई। सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग ने 15 उपक्रमों की रणनीतिक बिक्री करने का सुझाव दिया है। पिछले वर्ष सरकार ने 69,500 करोड़ रुपये विनिवेश से हासिल करने की योजना बनाई थी, लेकिन असलियत में सिर्फ 25,312 करोड़ रुपये ही हासिल हुआ था। इस वर्ष भी 56,500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 26,500 करोड़ रुपये की राशि रणनीतिक बिक्री के जरिये हासिल करने की योजना बनाई गई है।

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