Saturday 2 July 2016

30 June 2016..6. ब्रेग्जिट का असर : स्कॉटलैंड जिब्राल्टर ने की यूरोपीय संघ में बने रहने पर चर्चा:-

 ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकलने के फैसले के बाद स्कॉटलैंड और जिब्राल्टर ने ईयू में बने रहने पर चर्चा की है। दोनों यूनाइटेड किंगडम (यूके) का हिस्सा हैं। ब्रेग्जिट में दोनों की जनता ने ईयू में रहने के पक्ष में फैसला दिया था। करीब 300 साल पहले ब्रिटेन का हिस्सा बने जिब्राल्टर के चीफ मिनिस्टर फाबियां पिकार्दो ने इस संबंध में स्कॉटलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर निकालो स्टर्जन ने बात की। उनकी ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि वे यह संभावनाएं तलाश रहे हैं कि जिब्राल्टर का भविष्य बेहतर कैसे बनाया जाए। दोनों नेताओं ने ईयू में बने रहने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का फैसला किया है। स्टर्जन बुधवार को ब्रसेल्स में ईयू के नेताओं से विचार-विमर्श कर रही हैं। ब्रसेल्समें ईयू के सभी 27 देश बुधवार को इस पर सहमत हो गए कि वे ब्रिटेन को सिंगल मार्केट के रूप में सुविधा नहीं देंगे। संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा कि फ्री मूवमेंट पर ईयू की शर्तें मानने पर ब्रिटेन को सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। बुधवार को ईयू के 27 देशों के नेताओं ने विचार किया। इस बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को नहीं बुलाया गया। इनकी अगली बैठक ब्राटिस्लावा में 16 सितंबर को होगी।

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