यूरोपीय शहर वारसा में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन में रूस के खिलाफ भी जमकर हमला बोला गया। यूरोप को रूस से खतरा बताया गया। जवाब में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा कि नाटो शिखर सम्मेलन में उस खतरे पर चर्चा की गई जिसका अस्तित्व ही नहीं है। उल्लेखनीय है कि नाटो का गठन रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के खिलाफ ही हुआ था। नाटो अब रूस के मामले में 13 जुलाई को ब्रसेल्स में चर्चा करेगा। पुतिन ने कहा, बैठक के शुरुआती विश्लेषण से लगता है कि नाटो का अस्तित्व अब भी दुनिया को फौजी-राजनीतिक तरीके से देखने के लिए है।' नाटो का शिखर सम्मेलन शनिवार को पोलैंड की राजधानी वारसा में समाप्त हुआ। इसमें ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चेतावनी दी कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने के बाद पूरे यूरोप को एकजुट रहना होगा। वरना रूस हमला कर सकता है। सम्मेलन में अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा, यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको , जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदो, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भी थे।
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