जाने माने उद्योगपति रतन टाटा कारोबार जगत में नई इबारत लिखने के बाद अब कुपोषण जैसी राष्ट्रीय समस्या से लड़ने की मिसाल कायम कर रहे हैं। टाटा सोमवार को नीति आयोग पहुंचे, जहां उन्होंने कुपोषण से लड़ने की रणनीति सरकार को सुझाई और इस समस्या से निपटने के संबंध में टाटा ट्रस्ट के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कुपोषण दूर करने में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर बल दिया। आयोग कुपोषण से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय पोषण नीति का मसौदा तैयार कर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार कुपोषण से लड़ने की कार्य योजना में टाटा के सुझावों को वरीयता दे सकती है। नीति आयोग के सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण नीति के मसौदे पर चर्चा के लिए सोमवार को उच स्तरीय बैठक हुई। इसमें टाटा के अलावा केंद्रीय मंत्रलयों और राय सरकारों के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए। इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी मौजूद रहे। टाटा ने बैठक में सुझाव दिया कि सरकार को जमीनी स्तर पर चलने वाले कुपोषण दूर करने के कार्यक्रमों और शिक्षा व स्वास्थ्य के विभिन्न कार्यक्रमों को एक साथ लाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में टाटा ट्रस्ट के कुपोषण की समस्या से निपटने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों और अनुभवों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार को कुपोषण की समस्या दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की निगरानी तथा क्रियान्वयन में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहिए। देबरॉय ने बैठक में कहा कि कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सरकार को जिलों पर कार्ययोजना केंद्रित करनी चाहिए। साथ ही हमें कुपोषण की समस्या से ग्रस्त ब्लॉक और गांवों पर विशेष जोर देना चाहिए। कुपोषण को खत्म करने का यही एकमात्र तरीका है।
No comments:
Post a Comment