भारत और साइप्रस टैक्स संबंधी समझौते में संशोधन के लिए सहमत हो गए हैं। इसके तहत एक अप्रैल 2017 के बाद साइप्रस से पी-नोट्स के जरिये शेयर खरीद से होने वाली आय पर केपिटल गेन्स टैक्स लगेगा। इसके साथ ही साइप्रस के मामले में भी मॉरीशस जैसा समझौता हो जाएगा। मॉरीशस और सिंगापुर के बाद साइप्रस भी प्रमुख देश है जहां से भारतीय शेयर बाजार में पी-नोट्स के जरिये निवेश किया जाता है और अभी तक दोहरा कराधान निवारण संधि (डीटीएए) के तहत भारत में कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं सकता है।वित्त मंत्रलय के एक बयान के अनुसार दोनों देशों के बीच हुए समझौते को मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद दोनों देशों के बीच नए समझौते पर विधिवत हस्ताक्षर होंगे। नए समझौते के तहत कैपिटल गेन्स टैक्स उस देश में लगेगा जहां शेयरों का ट्रांसफर किया गया हो। हालांकि इस समझौते में एक प्रावधान किया गया है जिसके तहत एक अप्रैल 2017 से पहले किये गये निवेश पर टैक्स उसी देश में लगेगा, जहां निवेशक रहता है।दोहरा करारोपण रोकने और टैक्स की चोरी पर अंकुश लगाने के लिए हुए इस समझौते के बाद साइप्रस उन अधिसूचित देशों की सूची से हट जाएगा, जहां नवंबर 2013 में रेट्रो टैक्स (पूर्ववर्ती टैक्स) लगाने का प्रावधान किया गया था।
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