लंबित आर्थिक सुधारों को लागू करने और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआइ) की नीति उदार बनाने के बाद सरकार आने वाले समय में देश में निजी निवेश बढ़ने की उम्मीद कर रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि हाल के वर्षो में देश के विकास में सार्वजनिक निवेश और एफडीआइ की अहम भूमिका रही है लेकिन निजी निवेश का सर्वश्रेष्ठ दौर अभी आना बाकी है। जेटली ने महंगे कर्ज का जिक्र करते हुए बचत पर मिलने वाले उच ब्याज दर को लेकर सवाल भी उठाए हैं। उनका कहना है कि बचत पर उच ब्याज दरों से कर्ज महंगा हो जाता है जिससे अर्थव्यवस्था में सुस्ती आती है। जेटली ने यह बात शनिवार को यहां बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 140 वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। जेटली ने कहा कि देश में औद्योगिक और ढांचागत अभाव को दूर करने के लिए दीर्घावधि तक काफी निवेश की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि इस काम में निजी कंपनियों और सार्वजनिक-निजी (पीपीपी) निवेश की अहम भूमिका होगी। भारत ने कुछ वर्षो में सार्वजनिक निवेश और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की मदद से अच्छी प्रगति की है लेकिन निजी क्षेत्र के निवेश का सर्वश्रेष्ठ दौर अभी आना बाकी है। उन्होंने कहा कि अक्सर निजी निवेश में सुस्ती की वजह मांग की कमी बताई जाती है। जेटली ने उम्मीद जतायी इस बार मानसून बेहतर रहने से गांव और शहरों में मांग में वृद्धि होगी जो निजी क्षेत्र के लिए अच्छा अवसर होगा।
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